स्वस्थ फेफड़ों के लिए 3 सरल एक्सरसाइज अपने फेफड़ों को करें मजबूत!
बदलते मौसम के साथ, खासकर सर्दियों में, सांस से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। उत्तर भारत में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण के कारण, अस्थमा, सर्दी-खांसी और अन्य रेस्पिरेटरी इंफेक्शन आम हो गए हैं। ऐसे में फेफड़ों को स्वस्थ रखना बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों के अनुसार, स्वस्थ फेफड़े न केवल सांस लेने में मदद करते हैं, बल्कि ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और इम्यूनिटी को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आइए जानते हैं कुछ सरल एक्सरसाइज जो आपके फेफड़ों को मजबूत बनाने में मदद करेंगी।
1. ब्रीद कंट्रोल एंड इंटरनल ट्रेनिंग
यह एक्सरसाइज आपके मूवमेंट के साथ सांस लेने पर आधारित है। इसे करने के लिए, रनिंग या साइकलिंग करते समय इस तरीके को अपनाएं:
- दो स्टेप लेने के बाद सांस को बाहर छोड़ें।
- फिर दो बार और दौड़ते हुए सांस को बाहर छोड़ें।
इस तरह की एक्सरसाइज करने से आपके फेफड़ों की रक्त संचारण क्षमता में सुधार होता है।
2. डीप ब्रीदिंग और ब्रिस्क वॉक
डीप ब्रीदिंग से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। इसे करने के लिए:
- एक समतल जगह पर चलना शुरू करें।
- 5 मिनट वॉक करने के बाद, गति बढ़ाएं।
- तेज चलने के दौरान 2-3 सेकंड तक सांस अंदर लें और फिर बाहर छोड़ें।
इस प्रक्रिया को लगभग 30 मिनट तक जारी रखें। यह आपके रक्त के फिल्टरिंग में मदद करेगा और संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगा।
3. अनुलोम-विलोम
यह योगासन फेफड़ों के लिए अत्यधिक फायदेमंद है। इसे करने के लिए:
- पद्मासन में बैठें।
- दाएं हाथ की अंगूठी से दाएं नासिका को बंद करें और बाईं नासिका से सांस खींचें।
- फिर बाईं नासिका को बंद करके दाईं नासिका से सांस बाहर छोड़ें।
इस प्रक्रिया को नियमित रूप से करने से फेफड़ों की इम्यूनिटी मजबूत होती है और सांस लेने में सुविधा होती है।
ट्रेकिंग का लाभ
हालांकि दिल्ली जैसे क्षेत्रों में ट्रेकिंग करना संभव नहीं है, लेकिन तेज दौड़ना और व्यायाम करना महत्वपूर्ण है। ट्रेकिंग से शारीरिक गतिविधियों में वृद्धि होती है और कम ऑक्सीजन वाली जगहों पर सांस लेने में मदद मिलती है। यह फेफड़ों की कार्यक्षमता को भी बढ़ाता है।
निष्कर्ष
फेफड़ों को स्वस्थ रखना सिर्फ एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि आपकी स्वास्थ्य यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ऊपर दिए गए एक्सरसाइज को अपने दैनिक रूटीन में शामिल करके आप अपने फेफड़ों को न केवल स्वस्थ रख सकते हैं, बल्कि अन्य रेस्पिरेटरी समस्याओं से भी बच सकते हैं।