Telegram ने घोषणा की है कि वैध कानूनी निवेदनों के तहत, वह सरकारी एजेंसियों को यूजर्स के IP एड्रेस और फोन नंबर जैसी जानकारी उपलब्ध कराएगा। इस कदम का उद्देश्य अपराधियों पर लगाम कसना और ऐप का दुरुपयोग रोकना है।
Telegram पर अपराधियों की गतिविधियों की चुनौती
Telegram की पॉपुलैरिटी का एक मुख्य कारण इसका मजबूत एन्क्रिप्शन और यूजर प्राइवेसी है। हालांकि, यह विशेषता कुछ आपराधिक तत्वों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन गई है, जो इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल सुरक्षित तरीके से कम्युनिकेशन के लिए करते हैं। इस कारण से दुनिया भर की कई सरकारी एजेंसियां इस पर निगरानी रखने की मांग कर रही थीं।
सरकारी एजेंसियों को मिलेगा यूजर डेटा
Telegram ने अब यह स्पष्ट किया है कि वह वैध कानूनी निवेदनों के तहत अपने यूजर्स के डेटा, जैसे IP एड्रेस और फोन नंबर, सरकारी एजेंसियों को उपलब्ध कराएगा। यह कदम विशेष रूप से उन मामलों में उठाया जाएगा, जहां आपराधिक गतिविधियों की जांच चल रही हो और इसके लिए Telegram की जानकारी आवश्यक हो।
यूजर प्राइवेसी और सुरक्षा के बीच संतुलन
Telegram के इस फैसले से यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर चिंताएं उठ सकती हैं, लेकिन यह कदम प्राइवेसी और सुरक्षा के बीच एक संतुलन बनाए रखने के लिए उठाया गया है। आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए जरूरी जानकारी उपलब्ध कराने के बावजूद, Telegram अपने यूजर्स की सामान्य प्राइवेसी पॉलिसी को बनाए रखेगा।
अपराधों पर कस सकती है लगाम
सरकारी एजेंसियों को यूजर डेटा उपलब्ध कराए जाने से अब Telegram पर होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। यह कदम कई प्रकार के साइबर क्राइम, ड्रग्स और आतंकवाद जैसी गतिविधियों को रोकने में कारगर साबित हो सकता है।
निष्कर्ष
Telegram का यह नया कदम सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम है। जहां एक तरफ यह यूजर्स की प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए काम करता रहेगा, वहीं दूसरी तरफ वैध कानूनी निवेदनों के जरिए सरकारी एजेंसियों को अपराधों से जुड़े महत्वपूर्ण डेटा मुहैया कराया जाएगा। इससे Telegram पर हो रही आपराधिक गतिविधियों पर लगाम कसने में बड़ी मदद मिलेगी।