भारत में युवाओं में बढ़ते हार्ट अटैक के मामले जानें इसके कारण और बचाव के उपाय

आज के समय में भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में हृदय रोग के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। खासकर हार्ट अटैक से होने वाली मौतें एक बड़ी चिंता का विषय बन गई हैं। पहले जहां यह समस्या बुजुर्गों तक सीमित थी, वहीं अब युवा और यहां तक कि बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं। भारत, जिसे अब “हार्ट अटैक कैपिटल” कहा जा रहा है, में युवाओं में हार्ट अटैक के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है।

हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक सेठ का कहना है कि भारत में हार्ट अटैक के मामले पूरी दुनिया के मुकाबले सबसे ज्यादा हैं। यहां तक कि विश्वभर के 50% हार्ट अटैक मामलों में से 20% भारत के होते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि युवाओं में हार्ट अटैक के प्रमुख कारण क्या हैं और इससे बचाव के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।

भारत में युवाओं में हार्ट अटैक के मामले क्यों बढ़ रहे हैं?

1. खराब लाइफस्टाइल

डॉ. सेठ के अनुसार, भारत में युवाओं में हार्ट अटैक के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण उनकी बिगड़ती जीवनशैली है। आधुनिक जीवनशैली में कम शारीरिक गतिविधि, गलत खानपान और बढ़ता तनाव हार्ट अटैक के प्रमुख कारणों में शामिल हैं।

2. डायबिटीज का बढ़ता खतरा

भारत मधुमेह के मामलों में भी दुनिया में शीर्ष पर है। युवाओं में बढ़ती डायबिटीज की समस्या, खासकर टाइप 2 डायबिटीज, दिल की बीमारियों का प्रमुख कारण बन रही है। डायबिटीज न केवल हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाती है, बल्कि इससे अन्य गंभीर बीमारियों का भी सामना करना पड़ सकता है।

3. उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर

भारत में लोगों के बीच कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक रहता है, और इसे नजरअंदाज करने की आदत ने हार्ट अटैक के मामलों में वृद्धि की है। जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, और ट्रांसफैट से भरपूर भोजन से कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, जो दिल की बीमारियों को जन्म देता है।

4. मोटापा

आजकल बच्चों में मोटापे की समस्या आम हो गई है, जो बड़े होने के बाद उन्हें हार्ट अटैक का शिकार बना सकती है। मोटापा डायबिटीज, हाई बीपी और अन्य दिल की बीमारियों का कारण बनता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

5. प्रदूषण का प्रभाव

भारत के महानगरों में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक है, और यह भी युवाओं में दिल की बीमारियों का एक प्रमुख कारण बन रहा है। प्रदूषण से सांस लेने में दिक्कत, खून में ऑक्सीजन की कमी, और दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।

6. धूम्रपान और शराब का सेवन

युवाओं में धूम्रपान और अल्कोहल का बढ़ता सेवन दिल की बीमारियों के जोखिम को बढ़ा रहा है। स्मोकिंग से धमनियों में ब्लॉकेज होता है, जो हार्ट अटैक का मुख्य कारण बनता है। वहीं, फीमेल स्मोकिंग में भी वृद्धि देखी जा रही है, जो महिलाओं के लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर रही है।

हार्ट अटैक से बचाव के उपाय

1. नियमित व्यायाम

हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का मानना है कि दिल की बीमारियों से बचने के लिए रोजाना 40 मिनट की एक्सरसाइज करना बेहद जरूरी है। यह जरूरी नहीं कि आप भारी वर्कआउट करें। 30 मिनट की वॉक, जॉगिंग, या हल्की एक्सरसाइज करने से दिल की सेहत में सुधार हो सकता है। इस 30 मिनट के व्यायाम को दो हिस्सों में बांटा जा सकता है, जैसे सुबह और शाम 15-15 मिनट की वॉक।

2. स्वस्थ आहार

आपकी डाइट का सीधा असर आपकी सेहत पर पड़ता है। फाइबर से भरपूर, ट्रांसफैट्स और जंक फूड से बचने वाले भोजन को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। ताजे फल, सब्जियां, और हेल्दी फैट्स से युक्त आहार हार्ट अटैक के जोखिम को कम करने में मददगार होता है।

3. धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन कम करें

धूम्रपान और शराब के सेवन से पूरी तरह से बचना जरूरी है। यह दोनों आदतें दिल की बीमारियों को निमंत्रण देती हैं, इसलिए इसे छोड़ना या कम करना आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है।

4. तनाव प्रबंधन

आज की व्यस्त जीवनशैली में तनाव एक बड़ा मुद्दा बन चुका है। तनाव से हृदय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। योग, ध्यान और अन्य तनाव प्रबंधन तकनीकों को अपनाकर दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है।

5. रेगुलर हेल्थ चेकअप

कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर, और ब्लड प्रेशर का रेगुलर चेकअप कराते रहें। समय-समय पर दिल की सेहत की जांच कराना महत्वपूर्ण है ताकि किसी भी समस्या का पता पहले ही चल सके और उसका इलाज हो सके।

निष्कर्ष

भारत में युवाओं में तेजी से बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामलों को देखते हुए जागरूकता और सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। नियमित व्यायाम, सही खानपान, तनाव से बचाव, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर हम इस गंभीर समस्या से बच सकते हैं। हार्ट अटैक से बचाव के लिए अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और जीवन को बेहतर बनाएं।