कैंसर कोशिकाएं कितनी तेजी से बढ़ती हैं? जानें ग्रोथ रेट, कारण और कैसे बचें

हमारा शरीर 30 लाख करोड़ कोशिकाओं से बना होता है, जो एक पैटर्न में बढ़ती हैं और समय के साथ खुद ही खत्म हो जाती हैं। नई और हेल्दी कोशिकाएं पुरानी डेड सेल्स को खत्म कर देती हैं, जिससे शरीर स्वस्थ रहता है। लेकिन जब इस पैटर्न में गड़बड़ी होती है, तब शरीर में अनियंत्रित कोशिकाएं कैंसर का रूप ले लेती हैं। इन कैंसर कोशिकाओं की ग्रोथ काफी तेजी से होती है और वे ट्यूमर का निर्माण करती हैं। इस लेख में हम कैंसर कोशिकाओं की बढ़ने की प्रक्रिया, इसके कारण, और ग्रोथ रेट के बारे में विस्तार से जानेंगे।

कैंसर होने पर कोशिकाएं तेजी से क्यों बढ़ती हैं?

जब शरीर में कैंसर विकसित होता है, तब कोशिकाओं के ग्रोथ पर नियंत्रण खत्म हो जाता है। कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से डिवाइड होने लगती हैं और तेजी से बढ़ती हैं, जिससे ट्यूमर बनता है। कैंसर का यही गुण इसे इतना खतरनाक बनाता है। हाई ग्रेड कैंसर में ये कोशिकाएं और भी तेजी से फैलती हैं, जबकि लो ग्रेड कैंसर को फैलने में कुछ महीने लगते हैं।

कैंसर कोशिकाएं न केवल हेल्दी सेल्स को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि टिश्यूज को भी प्रभावित करती हैं। कीमोथेरेपी जैसी उपचार विधियां कोशिकाओं की इस अनियंत्रित ग्रोथ को रोकने में मदद करती हैं, लेकिन कैंसर का पूरी तरह से कारगर और किफायती इलाज अभी तक विकसित नहीं हो पाया है।

कैंसर कोशिकाओं की ग्रोथ रेट: ग्रेड के आधार पर फर्क

कैंसर की ग्रेड यह निर्धारित करती है कि कोशिकाएं कितनी तेजी से बढ़ रही हैं। इसे मुख्यतः तीन ग्रेड में बांटा गया है:

  1. ग्रेड 1 (लो ग्रेड कैंसर): इस ग्रेड में कैंसर सेल्स लगभग नॉर्मल सेल्स की तरह दिखती हैं और धीरे-धीरे बढ़ती हैं। यह कैंसर का शुरुआती स्टेज होता है, जहां उपचार के अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
  2. ग्रेड 2: इसमें कैंसर सेल्स सामान्य कोशिकाओं से अलग दिखने लगती हैं और ग्रेड 1 की तुलना में तेजी से बढ़ती हैं।
  3. ग्रेड 3 (हाई ग्रेड कैंसर): इसमें कैंसर सेल्स बेहद असामान्य होती हैं और तेजी से शरीर के बड़े हिस्से में फैलने लगती हैं। यह कैंसर का सबसे खतरनाक रूप होता है, जिसमें उपचार की कठिनाई बढ़ जाती है।

कैंसर का ग्रेड और स्टेज: क्या है फर्क?

कैंसर की ग्रेड और स्टेज दो अलग-अलग चीजें हैं। कैंसर की स्टेज से यह पता चलता है कि बीमारी शरीर में कितनी फैल चुकी है, जबकि ग्रेड बताता है कि ट्यूमर कितनी तेजी से बढ़ने की क्षमता रखता है। स्टेज और ग्रेड का निर्धारण तीन मुख्य कारकों पर आधारित होता है:

  1. हेल्दी और कैंसर कोशिकाओं का अंतर: जितना ज्यादा अंतर होता है, कैंसर का ग्रेड उतना ही गंभीर होता है।
  2. कैंसर सेल्स का डिवीजन रेट: कोशिकाएं जितनी तेजी से बढ़ती हैं, कैंसर उतना ही घातक होता है।
  3. ट्यूमर में कोशिकाओं की संख्या: जितनी ज्यादा कैंसर सेल्स होंगी, ट्यूमर उतना ही बड़ा और खतरनाक होगा।

कैंसर ग्रोथ रेट कैसे समझें?

कैंसर कोशिकाओं की ग्रोथ रेट उनके ग्रेड पर निर्भर करती है:

  • ग्रेड 1: कैंसर सेल्स नॉर्मल सेल्स जैसी दिखती हैं और धीमी गति से बढ़ती हैं।
  • ग्रेड 2: कैंसर सेल्स थोड़ी असामान्य होती हैं और ग्रेड 1 की तुलना में तेजी से बढ़ती हैं।
  • ग्रेड 3: कैंसर सेल्स बहुत असामान्य होती हैं और तेजी से फैलती हैं, जिससे बीमारी गंभीर हो जाती है।

नतीजा

कैंसर कोशिकाओं की ग्रोथ रेट और उनका फैलाव कैंसर के प्रकार और ग्रेड पर निर्भर करता है। जल्दी पहचान और सही इलाज से कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना और नियमित जांच करवाना इस बीमारी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है।