ऑटोमोबाइल

भारत में लैम्बोर्गिनी की अभूतपूर्व बिक्री: 2027 तक सभी कारें बिकीं, मिलेनियल्स और जेन-ज़ी की बढ़ती मांग, सड़कों पर सवाल

भारत में प्रीमियम ऑटोमोबाइल की बिक्री अपने चरम पर है, जहां मिलेनियल्स और जेन-ज़ी के अति-अमीर लोग चमचमाती नई कारों को खरीदने के लिए कतार में लगे हैं। रशलेन की रिपोर्ट के अनुसार, लग्जरी कार लैम्बोर्गिनी की भारत में 2027 तक की सभी कारें बिक चुकी हैं।

इतालवी ऑटोमेकर देश में उरुस, हुराकन और रेवुएल्टो सहित अत्यधिक मांग वाले मॉडल बेचता है। इन कारों को भारत में सिंगल-बिल्ट-अप यूनिट के रूप में आयात किया जाता है, इसलिए इन पर 100% कस्टम ड्यूटी लगाई जाती है, जिससे ये खुदरा मूल्य से अधिक महंगी हो जाती हैं। लैम्बोर्गिनी ब्रांड की कारों की कीमत 4 करोड़ रुपये से 9 करोड़ रुपये के बीच है। खरीद मूल्य में रोड टैक्स और स्थानीय कर शामिल नहीं हैं।

सेलिब्रिटीज के बीच महत्वाकांक्षी, कई बॉलीवुड हस्तियों, खिलाड़ियों और प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों के गैरेज में रणवीर सिंह, रोहित शर्मा, मुकेश अंबानी और श्रद्धा कपूर सहित अन्य लोगों के पास ये कारें हैं। मिलेनियल्स और जेन-ज़ी इसे एक स्टेटस सिंबल के रूप में प्रदर्शित करने की इच्छा रखते हैं। कोविड-19 से पहले, भारत में लैम्बोर्गिनी की बिक्री में बेंगलुरु का हिस्सा 50% से अधिक था। भारत का सिलिकॉन वैली भारत की सुपर कार राजधानी भी कहलाता है। यहां दिल्ली और मुंबई सहित भारत में लैम्बोर्गिनी के तीन अधिकृत शोरूमों में से एक है।

लैम्बोर्गिनी की रिकॉर्ड बिक्री और इंटरनेट पर प्रतिक्रिया:

2024 में लैम्बोर्गिनी ने भारत में रिकॉर्ड बिक्री हासिल की। 113 यूनिट्स डिलीवर हुईं, जो 2023 में दर्ज किए गए इसके पिछले सर्वश्रेष्ठ बिक्री प्रदर्शन से 10% अधिक है।

लैम्बोर्गिनी की भारत में मांग सर्वकालिक उच्च स्तर पर है – 2027 तक सभी कारें बिक चुकी हैं। युवा अति-अमीर खरीदारों के बीच मांग बढ़ रही है।

मिलेनियल्स लग्जरी कार की बिक्री को बढ़ावा दे रहे हैं: लैम्बोर्गिनी, मर्सिडीज-मेबैक विस्तार पर नजर रख रहे हैं।

भारत में 2027 तक लैम्बोर्गिनी बिकी: युवा अति-अमीर खरीदारों के बीच मांग बढ़ी।

इस रिपोर्ट पर इंटरनेट पर बहस छिड़ गई। नेटिज़न्स को आश्चर्य है कि मालिक लैम्बो जैसी कार को कहां चलाएंगे! एक उपयोगकर्ता ने पूछा, “कौन से रोड पर चला रहे हैं?” एक अन्य ने सुझाव दिया, “भारत में खरीदने के बजाय, दुबई या अमेरिका में दो खरीदी जा सकती हैं।” एक उपयोगकर्ता ने प्रसिद्ध हास्य कलाकार और अभिनेता वीर दास की टिप्पणी को याद किया, “दो भारत,” जो यह बताता है कि हम कैसे राष्ट्र की दो अलग-अलग धारणाओं – अमीर और गरीब – में विभाजित होकर रहते हैं। एक उपयोगकर्ता ने चुटकी ली, “अरबपतियों का विश्वगुरु।” उपयोगकर्ता ने आगे आरोप लगाया, “जो देश की रियल एस्टेट और संसाधनों का भंडारण करते हैं, वे लैम्बो खरीद रहे हैं।”

भारत में लग्जरी कारों की बढ़ती मांग के कारण:

भारत में लग्जरी कारों की बढ़ती मांग के कई कारण हैं:

  • बढ़ती आर्थिक समृद्धि: भारत में अति-अमीरों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। मिलेनियल्स और जेन-ज़ी के कई युवा उद्यमी और व्यवसायी हैं, जिनके पास लग्जरी कारों को खरीदने के लिए पर्याप्त पैसा है।
  • स्टेटस सिंबल: लग्जरी कारें एक स्टेटस सिंबल बन गई हैं। लोग अपनी सफलता और धन को प्रदर्शित करने के लिए इन कारों को खरीदते हैं।
  • तकनीकी उन्नति: लग्जरी कारों में नवीनतम तकनीक और सुविधाएं होती हैं, जो उन्हें अधिक आकर्षक बनाती हैं।
  • विदेशी ब्रांडों का आकर्षण: लैम्बोर्गिनी जैसी विदेशी ब्रांडों की कारों को भारतीय बाजार में विशेष माना जाता है, जिससे उनकी मांग और बढ़ जाती है।

लैम्बोर्गिनी की बिक्री पर प्रभाव:

लैम्बोर्गिनी की भारत में अभूतपूर्व बिक्री से कई प्रभाव पड़े हैं:

  • आयात शुल्क में वृद्धि: सरकार को लग्जरी कारों के आयात से भारी राजस्व प्राप्त होता है।
  • स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: लग्जरी कारों की बिक्री से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलता है, क्योंकि इससे शोरूम, सर्विस सेंटर और अन्य संबंधित व्यवसायों को लाभ होता है।
  • सड़क सुरक्षा पर प्रभाव: लग्जरी कारों की बढ़ती संख्या से सड़क सुरक्षा पर भी प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि इन कारों की गति और शक्ति अधिक होती है।

सड़कों पर सवाल:

लैम्बोर्गिनी जैसी कारों को चलाने के लिए भारत में सड़कों की स्थिति एक बड़ा सवाल है। भारत में कई सड़कें खराब स्थिति में हैं, जो इन महंगी कारों के लिए उपयुक्त नहीं हैं। इसके अलावा, भारत में यातायात की स्थिति भी इन कारों के लिए एक चुनौती है।

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भारत में लग्जरी कारों की मांग में तेजी से वृद्धि हो रही है, और लैम्बोर्गिनी जैसी कारों की अभूतपूर्व बिक्री इसका एक उदाहरण है। हालांकि, यह देखना होगा कि यह प्रवृत्ति आगे कैसे विकसित होती है और इसका भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है।

लैम्बोर्गिनी जैसी कारों की मांग में वृद्धि भारत में आर्थिक असमानता को भी दर्शाती है। जहां एक तरफ कुछ लोग करोड़ों रुपये की कारें खरीद रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कई लोग बुनियादी जरूरतों के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं।

यह महत्वपूर्ण है कि सरकार लग्जरी कारों की बिक्री से होने वाले राजस्व का उपयोग समाज के सभी वर्गों के विकास के लिए करे। इसके अलावा, सड़कों की स्थिति में सुधार और यातायात नियमों को लागू करने की भी आवश्यकता है, ताकि सभी लोग सुरक्षित रूप से सड़कों पर चल सकें।

लैम्बोर्गिनी की बिक्री की खबर ने इंटरनेट पर एक बहस छेड़ दी है, जो भारत में आर्थिक असमानता और विकास के मुद्दों को उजागर करती है। यह महत्वपूर्ण है कि हम इन मुद्दों पर चर्चा करें और एक न्यायसंगत और समावेशी समाज बनाने के लिए काम करें।

News Desk

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