वायरल बुखार का प्रकोप: डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया से बचाव के उपाय
दिल्ली, पुणे, पटना और अन्य राज्यों में वायरल बुखार, डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। इस वर्ष, मानसून के लंबे प्रवाह के कारण मच्छरों से होने वाली बीमारियों का प्रकोप पिछले कई वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़ रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय इस स्थिति पर नजर रख रहा है और सभी राज्यों को आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गई है।
बढ़ते डेंगू और मलेरिया के मामले
इस बार भारी बारिश के चलते जगह-जगह जलभराव हो गया है, जो मच्छरों के लिए आदर्श प्रजनन स्थल है। डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों में बढ़ोतरी के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों को सलाह दी है कि वे इन मरीजों के लिए अतिरिक्त बेड की व्यवस्था करें, लेकिन कई स्थानों पर बेड की कमी हो रही है।
सावधानी बरतें: पैरासिटामोल का उपयोग
वायरल फीवर का प्रकोप घर-घर तक पहुंच गया है। ऐसे में, अगर आप घर पर रहकर बुखार का इलाज कर रहे हैं, तो ध्यान रखें कि पैरासिटामोल की खुराक में सावधानी बरतें। डॉक्टरों के अनुसार, दिन में 3 से ज्यादा और 24 घंटों में 4 से ज्यादा पैरासिटामोल लेना खतरनाक हो सकता है। यह सुनिश्चित करें कि अगली डोज 6 घंटे के अंतराल पर लें। ओवरडोज से गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
बुखार के दौरान क्या करें?
- पैरासिटामोल की मात्रा: दिन में 3 से ज्यादा पैरासिटामोल न लें।
- इंटरवल का ध्यान रखें: हर खुराक में 6 घंटे का अंतराल रखें।
- लिक्विड डाइट: मरीज को लिक्विड डाइट दें, जैसे दलिया, खिचड़ी आदि।
- पानी की मात्रा: पानी का सेवन बढ़ाएं।
- नारियल पानी: नारियल पानी भी प्रदान करें।
गंभीर लक्षण पर ध्यान दें
यदि मरीज में गंभीर लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाना जरूरी है। लापरवाही से जीवन को खतरा हो सकता है, इसलिए किसी भी स्वास्थ्य समस्या की अनदेखी न करें।
निष्कर्ष
वायरल बुखार के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, खासकर डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के कारण। सावधानी बरतना और सही उपचार लेना बेहद जरूरी है। सही डोज में दवाएं लेना और पर्याप्त लिक्विड का सेवन करके आप अपनी सेहत का ध्यान रख सकते हैं। यदि स्थिति गंभीर हो, तो बिना देरी किए अस्पताल का रुख करें। अपनी सेहत का ध्यान रखें और सुरक्षित रहें!