चिकनगुनिया का नया खतरा: ब्लैक नोज डिजीज और इसके लक्षण

इस साल हुई अधिक बारिशों के कारण चिकनगुनिया के मामलों में तेजी आई है, जो मच्छर के काटने से फैलने वाला एक वायरल बुखार है। यह बुखार डेंगू की तरह ही लक्षण दिखाता है, लेकिन इसमें मांसपेशियों में तेज दर्द और अन्य समस्याएं अधिक होती हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए यह बुखार विशेष रूप से चिंताजनक है, क्योंकि इसके लक्षण मां के साथ-साथ उनके होने वाले बच्चे पर भी प्रभाव डाल सकते हैं। हाल ही में इस बुखार से जुड़ा एक नया लक्षण देखा गया है, जिसे ब्लैक नोज डिजीज कहा जाता है।

ब्लैक नोज डिजीज क्या है?

महामारी विशेषज्ञ डॉ. जुगल किशोर के अनुसार, ब्लैक नोज डिजीज एक प्रकार का स्किन रोग है जिसमें हल्के बुखार के साथ नाक पर काले धब्बे आना शुरू होते हैं। यह धब्बे आमतौर पर नाक के आसपास दिखाई देते हैं, जिससे इसे यह नाम दिया गया है। चिकनगुनिया के बुखार के बाद या उसके साथ यह लक्षण विकसित हो सकता है। स्किन विशेषज्ञों का कहना है कि यह धब्बे 6 महीनों तक रह सकते हैं, लेकिन सही इलाज के साथ ये जल्दी भी ठीक हो सकते हैं।

ब्लैक नोज डिजीज के लक्षण

ब्लैक नोज डिजीज के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • बुखार: सबसे पहले मरीज को बुखार की शिकायत होती है।
  • जोड़ों का दर्द: मरीज को जोड़ो में दर्द महसूस हो सकता है।
  • सिरदर्द: सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द की भी संभावना है।
  • नाक पर काले धब्बे: नाक के आसपास काले धब्बे और रैशेज दिखाई दे सकते हैं।
  • थकान और कमजोरी: मरीज को थकान और कमजोरी का अनुभव हो सकता है।
  • ये लक्षण 15 दिनों से 1 महीने तक रह सकते हैं।

बचाव के तरीके

चूंकि ब्लैक नोज डिजीज चिकनगुनिया के साइड इफेक्ट के रूप में देखी जाती है, इसलिए इसे रोकने के लिए कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिए:

  • मच्छर से बचाव: मच्छरों के काटने से खुद को बचाने के लिए उचित सावधानी बरतें।
  • साफ-सफाई: अपने आसपास पानी न इकट्ठा होने दें और सफाई का ध्यान रखें।
  • ब्लड टेस्ट: बुखार होने पर तुरंत ब्लड टेस्ट करवाएं।
  • मच्छर नियंत्रण: पानी में मिट्टी का तेल या मच्छर भगाने वाली दवाओं का छिड़काव करें।
  • स्वस्थ कपड़े पहनें: पूरी बांह के कपड़े पहनें और लिक्विड डाइट का अधिक सेवन करें।

निष्कर्ष

चिकनगुनिया के मामलों में वृद्धि के साथ, ब्लैक नोज डिजीज का खतरा भी बढ़ गया है। गर्भवती महिलाओं के लिए यह बुखार विशेष रूप से चिंता का विषय है, क्योंकि यह उनके और उनके बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, इससे बचाव के उपायों को अपनाना अत्यंत आवश्यक है। उचित सावधानी बरतने से हम न केवल खुद को बल्कि अपने प्रियजनों को भी सुरक्षित रख सकते हैं।

स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें!