Telegram क्रिमिनल एक्टिविटी का नया हब बनता सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म?

टेलीग्राम, जो कभी एक सुरक्षित और स्वतंत्र संवाद मंच के रूप में उभरा था, अब अपराध की दुनिया का नया अड्डा बनता जा रहा है। हाल ही में न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट ने इस प्लेटफॉर्म के दूसरे और खतरनाक पहलू का खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, टेलीग्राम अब सिर्फ एक मैसेजिंग ऐप नहीं है, बल्कि फेक न्यूज, चाइल्ड पोर्नोग्राफी, आतंकवाद और अन्य अपराधों का सीवर बन चुका है। यह खुलासा दुनियाभर के यूजर्स और कानून-प्रवर्तन एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन गया है।

टेलीग्राम पर कैसे हो रही हैं क्रिमिनल एक्टिविटी?

टेलीग्राम की प्राइवेसी और सुरक्षा सुविधाएं यूजर्स को अज्ञात रहने का मौका देती हैं, जो अपराधियों के लिए एक वरदान बन चुका है। कई अपराधिक नेटवर्क टेलीग्राम का उपयोग कर रहे हैं, जहां अवैध सामग्री जैसे ड्रग्स, बंदूकें, फेक ATM कार्ड, और निजी डेटा का लेनदेन होता है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 16,000 से अधिक चैनल्स पर नजर रखी गई और इसमें 3.2 मिलियन मैसेज पाए गए जो सीधे तौर पर क्रिमिनल एक्टिविटी से जुड़े थे।

पेपर लीक से लेकर डेटा ब्रीच तक

हाल ही में हुए नीट पेपर लीक मामले ने भी टेलीग्राम के इस्तेमाल को उजागर किया, जहां महत्वपूर्ण सरकारी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र टेलीग्राम पर लीक कर दिए गए थे। इतना ही नहीं, स्टार हेल्थ के लाखों ग्राहकों का निजी डेटा भी इसी प्लेटफॉर्म पर लीक हुआ था। ये घटनाएं बताती हैं कि टेलीग्राम अब केवल एक मैसेजिंग ऐप नहीं रह गया है, बल्कि साइबर क्राइम का प्रमुख साधन बन चुका है।

आतंकी हमलों की योजना और प्रसारण

अपराध की दुनिया से आगे बढ़ते हुए, टेलीग्राम अब आतंकवादी संगठनों के लिए भी एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म बन गया है। 7 अक्टूबर 2024 को, जब हमास ने इजराइल पर हमला किया, तो यह हमला टेलीग्राम पर लाइव प्रसारित किया गया। इस दौरान कई आतंकी समूहों ने अपनी योजनाओं को भी इसी प्लेटफॉर्म के जरिए साझा किया। हमास ने टेलीग्राम का इस्तेमाल कर अपने हमले की ढाई घंटे की लाइव स्ट्रीमिंग की, जिससे यह साफ हो गया कि टेलीग्राम आतंकवादी गतिविधियों के लिए कितना महत्वपूर्ण हो गया है।

ड्रग्स और हथियारों का ऑनलाइन व्यापार

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि टेलीग्राम पर कई ऐसे चैनल्स हैं जहां कोकीन, हिरोइन और MDMA जैसे खतरनाक ड्रग्स बेचे जा रहे हैं। इसके अलावा, बंदूकें बेचने वाले 2 दर्जन से अधिक चैनल भी टेलीग्राम पर सक्रिय हैं। इन चैनल्स के जरिए न केवल अपराधियों के बीच संवाद होता है, बल्कि अवैध हथियारों और ड्रग्स का व्यापार भी बेरोक-टोक चलता है।

क्या टेलीग्राम का भविष्य सुरक्षित है?

हालांकि टेलीग्राम खुद को एक सुरक्षित और प्राइवेसी-फोकस्ड ऐप बताता है, लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट ने इसके खिलाफ कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या टेलीग्राम भविष्य में इन अपराधों पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाएगा? और अगर ऐसा नहीं हुआ, तो क्या इसका इस्तेमाल और बढ़ेगा?

टेलीग्राम के खिलाफ ये खुलासे निश्चित रूप से इसे एक खतरनाक प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित करते हैं। यूजर्स को जागरूक और सावधान रहने की जरूरत है, खासकर जब वे ऐसी जगहों पर संवाद कर रहे हैं जहां सुरक्षा और नैतिकता का अभाव हो।