बरेली की महिला के पेट से मिले दो किलो बाल जानें ट्राइकोफेजिया बीमारी के बारे में

उत्तर प्रदेश के बरेली से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 31 वर्षीय महिला लंबे समय से पेट दर्द और उल्टी की समस्या से परेशान थी। कई डॉक्टरों से इलाज कराने के बाद भी उसकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। अंततः, जब वह एक निजी अस्पताल पहुंची, तो वहां की मेडिकल टीम ने अल्ट्रासाउंड करने के बाद उसके पेट में बालों के गुच्छे की आशंका जताई।

पेट की सर्जरी: डॉक्टर भी हैरान

अस्पताल में भर्ती होने के बाद, जांच में पुष्टि हुई कि महिला के पेट में वास्तव में बालों का एक बड़ा गुच्छा है। इसके बाद डॉक्टरों ने उसे सर्जरी करने की सलाह दी। इस सर्जरी के दौरान महिला के पेट से करीब दो किलो बाल निकाले गए। इतने बड़े गुच्छे को देखकर डॉक्टर भी चकित रह गए।

बाल खाने की आदत: क्या है वजह?

महिला ने पूछताछ में बताया कि वह लगभग 15 साल की उम्र से बाल खाने की आदत में थी। उसने यह भी खुलासा किया कि अपने परिवार के लोगों से छिपकर वह बाल खाती थी, क्योंकि परिवार वाले उसे ऐसा करने से मना करते थे। उसे बाल खाने की इतनी तलब लगती थी कि बिना खाए वह बैचेन महसूस करती थी।

ट्राइकोफेजिया: एक अनजान बीमारी

इस स्थिति को चिकित्सकीय रूप से ट्राइकोफेजिया कहा जाता है। यह एक प्रकार की मानसिक बीमारी है, जिसमें व्यक्ति बाल खाने, उन्हें मुंह में रखने या चूसने का आदी हो जाता है। डॉक्टरों के अनुसार, यह स्थिति तब गंभीर होती है जब व्यक्ति लंबे समय तक इस आदत को जारी रखता है।

ट्राइकोफेजिया के लक्षण और जोखिम

  • पेट में संक्रमण: पेट में बालों की अधिकता से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
  • पाचन संबंधी समस्याएं: यह स्थिति पेट दर्द, उल्टी और अन्य पाचन तंत्र की समस्याओं का कारण बन सकती है।
  • जीवन के लिए खतरा: यदि समय पर इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा भी हो सकता है।

इलाज और सावधानियां

डॉक्टरों का कहना है कि ट्राइकोफेजिया का इलाज मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करके किया जा सकता है। चिकित्सा और मनोवैज्ञानिक सहायता से मरीज को इस आदत से बाहर निकालना संभव है।

निष्कर्ष: मानसिक स्वास्थ्य का महत्व

बरेली की इस महिला का मामला हमें यह याद दिलाता है कि मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना कितना आवश्यक है। अगर कोई व्यक्ति बाल खाने जैसी आदत में है, तो उसे तुरंत चिकित्सा सलाह लेनी चाहिए। इसके अलावा, परिवार के सदस्यों को भी अपने प्रियजनों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना चाहिए।

इस घटना के माध्यम से हम सभी को यह सिखने को मिलता है कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की अनदेखी नहीं करनी चाहिए और समय पर उपचार कराना चाहिए।

क्या आप या आपके जानने वालों में से कोई भी ऐसी समस्या से जूझ रहा है? अपनी और अपने परिवार की सेहत का ध्यान रखें!