BMW या Tata? कौन है भारत की सबसे तेज ‘Made in India’ कार? जानिए स्पीड के असली बादशाह का सच

टाटा मोटर्स ने अपनी नई Harrier EV को लॉन्च करके भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में तहलका मचा दिया है। यह इलेक्ट्रिक SUV न सिर्फ अपने फीचर्स और डिजाइन के लिए चर्चा में है, बल्कि अपनी तूफानी रफ्तार के लिए भी सुर्खियां बटोर रही है। कंपनी का दावा है कि इसका AWD (ऑल-व्हील ड्राइव) वेरिएंट ‘बूस्ट मोड’ में मात्र 6.3 सेकंड में 0 से 100 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ सकता है। यह आंकड़ा इसे भारत की सबसे तेज रफ्तार पकड़ने वाली कारों की लीग में खड़ा कर देता है।
लेकिन क्या यह वाकई ‘भारत में बनी’ सबसे तेज कार है? इसका जवाब इस बात पर निर्भर करता है कि आप ‘मेड इन इंडिया’ को कैसे परिभाषित करते हैं। आइए, इस पूरी पहेली को समझते हैं और जानते हैं कि स्पीड का असली बादशाह कौन है।
भारत में रफ्तार के बादशाह: ये हैं सबसे तेज़ 5 कारें
इससे पहले कि हम ‘मेड इन इंडिया’ की बहस में उतरें, आइए एक नजर उन कारों पर डालते हैं जो भारतीय सड़कों पर रफ्तार की परिभाषा लिखती हैं। ये सभी कारें इम्पोर्ट की जाती हैं और इनकी कीमतें करोड़ों में हैं:
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पोर्शे टायकन टर्बो (Porsche Taycan Turbo): यह इलेक्ट्रिक सुपरकार मात्र 2.7 सेकंड में 0-100 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ लेती है। कीमत: ₹2.69 करोड़।
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लैम्बोर्गिनी रेवुएल्टो (Lamborghini Revuelto): यह हाइब्रिड बीस्ट 2.8 सेकंड में यह कमाल करती है। कीमत: ₹8.89 करोड़।
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मर्सिडीज-AMG GT कूपे (Mercedes-AMG GT Coupe): यह प्लग-इन हाइब्रिड कार 2.9 सेकंड में 100 की स्पीड छूती है। कीमत: ₹3.34 करोड़।
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पोर्शे 911 करेरा 4 GTS (Porsche 911 Carrera 4 GTS): पेट्रोल इंजन वाली यह स्पोर्ट्स कार 3 सेकंड का समय लेती है। कीमत: ₹2.83 करोड़।
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ऑडी RS ई-ट्रॉन GT (Audi RS e-tron GT): एक और इलेक्ट्रिक पावरहाउस, जो 3.3 सेकंड में यह मुकाम हासिल करती है। कीमत: ₹2.04 करोड़।
असली सवाल: ‘मेड इन इंडिया’ का मतलब क्या?
अब आते हैं सबसे बड़े सवाल पर। ‘मेड इन इंडिया’ टैग के दो दावेदार हैं, और दोनों ही अपनी-अपनी जगह सही हैं।
पहला दावेदार: BMW 3 सीरीज M340i (भारत में असेंबल)
अगर ‘भारत में बनी’ कार का मतलब उस कार से है जिसे भारत में असेंबल किया जाता है, तो खिताब BMW M340i को जाता है। इस कार के पार्ट्स और कंपोनेंट्स विदेश से आयात किए जाते हैं और फिर उन्हें BMW के चेन्नई प्लांट में असेंबल किया जाता है। यह दमदार सेडान मात्र 4.4 सेकंड में 0 से 100 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ सकती है। इसकी कीमत 75.9 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) है। इस परिभाषा के हिसाब से यह भारत की सबसे तेज ‘Assembled in India’ कार है।
दूसरा दावेदार: Tata Harrier EV (पूरी तरह से भारत में बनी)
लेकिन अगर ‘मेड इन इंडिया’ का मतलब उस कार से है जिसके ज्यादातर पार्ट्स और कंपोनेंट्स भारतीय सप्लायर्स से लिए गए हैं और जिसका निर्माण पूरी तरह से भारत में हुआ है, तो इस रेस का विजेता Tata Harrier EV है। 6.3 सेकंड के 0-100 किमी/घंटा के आंकड़े के साथ, यह निर्विवाद रूप से सबसे तेज ‘Truly Made in India’ कार बन गई है।
टॉप गियर में भारतीय गाड़ियां: हैरियर ईवी के अलावा कौन?
हैरियर ईवी इस रेस में अकेली नहीं है। आने वाले समय में कुछ और दमदार भारतीय गाड़ियां सड़कों पर उतरने वाली हैं:
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महिंद्रा BE 6: 0-100 किमी/घंटा 6.7 सेकंड में।
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महिंद्रा XEV 9e: 0-100 किमी/घंटा 6.8 सेकंड में।
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हुंडई क्रेटा इलेक्ट्रिक: 0-100 किमी/घंटा 7.9 सेकंड में।
Harrier EV: सिर्फ रफ्तार नहीं, फीचर्स में भी है दम
Harrier EV सिर्फ स्पीड के बारे में नहीं है। टाटा ने इसमें कई ऐसे फीचर्स दिए हैं जो कंपनी की किसी भी कार में पहली बार देखने को मिल रहे हैं:
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डुअल मोटर सेटअप: पहली टाटा कार जिसमें दो इलेक्ट्रिक मोटर्स हैं, जो AWD क्षमता प्रदान करती हैं।
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ऑटोमैटिक पार्किंग और ऑटो समन: पहली बार टाटा की किसी कार में यह स्मार्ट फीचर दिया गया है।
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डिजिटल IRVM: डैशकैम के साथ आने वाला डिजिटल इनसाइड रियर-व्यू मिरर।
यह कार 65-kWh और 75-kWh बैटरी पैक विकल्पों में उपलब्ध है, और इसकी शुरुआती कीमत 21.49 लाख रुपये है।
तो, भारत की सबसे तेज ‘मेड इन इंडिया’ कार कौन है? अगर आप असेंबलिंग को पैमाना मानते हैं तो BMW M340i विजेता है। लेकिन अगर आप स्वदेशी निर्माण और आत्मनिर्भर भारत की भावना से देखें, तो Tata Harrier EV असली स्पीड किंग है, जो साबित करती है कि भारतीय कंपनियां अब परफॉर्मेंस के मामले में वैश्विक स्तर पर किसी से कम नहीं हैं।