काली खांसी का कहर: 2024 में तेजी से फैल रही है बैक्टीरियल बीमारी, जानें बचाव के उपाय
वर्तमान समय में बैक्टीरिया और वायरस जनित बीमारियों का प्रकोप तेज़ी से बढ़ रहा है। डेंगू, चिकनगुनिया, मंकीपॉक्स और कोविड जैसी बीमारियों के बीच, काली खांसी (पर्टुसिस) ने भी एक गंभीर रूप धारण कर लिया है। 2024 में इस बीमारी के मामलों में भारी वृद्धि देखी गई है, और यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए एक बड़ा खतरा बनकर उभर रही है।
काली खांसी क्या है?
काली खांसी, जिसे पर्टुसिस के नाम से भी जाना जाता है, एक अत्यधिक संक्रामक श्वसन संक्रमण है जो बोर्डेटेला पर्टुसिस नामक बैक्टीरिया से फैलता है। यह संक्रमण खासतौर पर छोटे बच्चों और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में गंभीर हो सकता है।
काली खांसी के लक्षण
काली खांसी में निम्नलिखित लक्षण देखे जा सकते हैं:
- लगातार खांसी: खांसी के दौरान सांस फूलना और खांसी के बाद उल्टी हो सकती है।
- चेहरा नीला पड़ जाना: गंभीर मामलों में, खांसी के दौरान बच्चे का चेहरा नीला पड़ सकता है।
- नाक बहना और छींक: मामूली मामलों में छींकने, नाक बहने और हल्के बुखार जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
- उल्टी: खांसी के कारण कई बार उल्टी की समस्या भी हो सकती है।
- निमोनिया: कुछ गंभीर मामलों में, मरीज को निमोनिया होने की संभावना भी रहती है।
काली खांसी के मामले 2024 में क्यों बढ़ रहे हैं?
2024 में काली खांसी के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। उदाहरण के लिए, नीदरलैंड में इस साल काली खांसी से 8 मौतें दर्ज की गई हैं, जो पिछले 65 सालों में सबसे अधिक है। वहीं, फ्लैंडर्स में 2024 के पहले आठ महीनों में काली खांसी के 2,217 मामले सामने आए हैं। यह संख्या सामान्य वार्षिक आंकड़े से दोगुनी से भी अधिक है।
यूरोप में काली खांसी का खतरा
यूरोपीय सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (ECDC) की रिपोर्ट के अनुसार, न केवल नीदरलैंड और फ्लैंडर्स, बल्कि अन्य यूरोपीय देशों में भी काली खांसी के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। यह स्थिति आने वाले समय में बच्चों और बुजुर्गों के लिए एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बन सकती है।
काली खांसी का संक्रमण कैसे फैलता है?
काली खांसी एक बैक्टीरियल संक्रमण है जो संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने से फैलता है। यह हवा के माध्यम से दूसरों तक पहुंच सकता है और उनके फेफड़ों में चला जाता है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से इस बीमारी के फैलने की संभावना बढ़ जाती है।
काली खांसी से बचाव के उपाय
काली खांसी के संक्रमण से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- वैक्सीन लगवाएं: काली खांसी से बचाव के लिए वैक्सीन सबसे प्रभावी तरीका है। बच्चों को इस वैक्सीन की पूरी खुराक दी जानी चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को टीका: गर्भवती महिलाओं को भी अपने बच्चे को इस संक्रमण से बचाने के लिए पर्टुसिस का टीका लगवाना चाहिए।
- बूस्टर डोज लें: संक्रमित बच्चों के साथ रहने वाले व्यस्कों और माता-पिता को भी बूस्टर डोज लगवानी चाहिए ताकि वे खुद और अपने बच्चों को सुरक्षित रख सकें।
- सावधानी बरतें: संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें और व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें। नियमित रूप से हाथ धोना और मास्क पहनना संक्रमण से बचने में सहायक हो सकता है।
निष्कर्ष
काली खांसी 2024 में एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बन चुकी है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है। इसलिए, समय रहते इससे बचाव के उपाय करना बेहद जरूरी है। वैक्सीन, टीकाकरण और व्यक्तिगत सावधानियां इस बीमारी से बचने के सबसे प्रभावी तरीके हैं।
काली खांसी के बढ़ते खतरे से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखें।