डायबिटीज एक क्रॉनिक बीमारी है, जिसका प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है। अगर आपको डायबिटीज है और आपके पैरों में सूजन दिखाई दे रही है, तो इसे हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है। पैरों में सूजन का प्रभाव न केवल आपकी गतिविधियों को सीमित कर सकता है, बल्कि इससे अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि हम पैरों में सूजन के कारणों और इसके उपचार के उपायों को समझें।
पैरों में सूजन के कारण
- उच्च ब्लड शुगर का प्रभाव: लंबे समय तक शरीर में उच्च ग्लूकोज का स्तर रहने से नसें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। यह स्थिति न केवल पैरों में दर्द और सुन्नपन का कारण बनती है, बल्कि डायबिटीक न्यूरोपैथी जैसी गंभीर समस्याओं को भी जन्म देती है।
- एडिमा: एडिमा एक चिकित्सा स्थिति है जिसमें शरीर के ऊतकों में तरल पदार्थ जमा हो जाता है। यदि यह समस्या डायबिटीज के कारण हो रही है, तो इसका तत्काल उपचार आवश्यक है।
पैरों में सूजन को कम करने के उपाय
1. कंप्रेशन मोजे पहनें:
कंप्रेशन मोजे रक्त संचार को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि ये बहुत टाइट न हों। शुरुआत में हल्के और ढीले कंप्रेशन मोजे पहनें।
2. पैरों को ऊँचा रखें:
यदि आप दिनभर बैठे रहते हैं या पैरों को एक स्थिति में रखते हैं, तो लेटकर पैरों को सीने के ऊपर रखें। इससे शरीर में जमा तरल पदार्थ वापस लौटने में मदद मिलेगी। रोजाना वॉलपोज करने से सूजन में राहत मिलती है।
3. नमक का सेवन कम करें:
अधिक नमक का सेवन पानी के रिटेंशन का कारण बन सकता है। पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड्स से बचें और नमक की बजाय हर्ब्स का इस्तेमाल करें।
4. वजन कम करें:
मोटापा डायबिटीज के लिए हानिकारक है और पैरों में सूजन को बढ़ा सकता है। इसलिए नियमित व्यायाम करें और अपने वजन को नियंत्रण में रखें।
5. मैग्नीशियम की कमी पूरी करें:
मैग्नीशियम नर्व फंक्शन को संतुलित करने में मदद करती है और ब्लड शुगर स्तर को नियंत्रित करती है। मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स लेने से पैरों की सूजन को कम किया जा सकता है।
6. पैरों को पानी में भिगोएं:
इप्सम सॉल्ट वाले ठंडे पानी में पैरों को भिगोने से सूजन में राहत मिलती है। इसे 10 से 20 मिनट तक भिगोएं।
निष्कर्ष
डायबिटीज से प्रभावित पैरों की सूजन को नजरअंदाज करना गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। ऊपर बताए गए उपायों को अपनाकर आप अपनी पैरों की सूजन को नियंत्रित कर सकते हैं। अपने स्वास्थ्य की देखभाल करें और नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श लें। सही जानकारी और उचित देखभाल से आप डायबिटीज से जुड़े जटिलताओं से बच सकते हैं।