याददाश्त की कमजोरी अक्सर अल्जाइमर की बीमारी के लक्षण के रूप में देखी जाती है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह केवल एक कारण नहीं है। लिवर और किडनी में आई खराबी भी आपकी याददाश्त पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है। आइए, जानते हैं कि कैसे ये अंग आपकी याददाश्त को प्रभावित कर सकते हैं और इसके पीछे के तर्क क्या हैं।
याददाश्त पर असर डालने वाले कारक
1. अल्जाइमर और उसके प्रभाव:
अल्जाइमर एक न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी है जो आमतौर पर बढ़ती उम्र के साथ होती है। हर पांच सेकंड में एक नया अल्जाइमर केस सामने आता है, और यह बीमारी विश्व स्तर पर लगभग 40 मिलियन लोगों को प्रभावित कर रही है। इस बीमारी में याददाश्त की कमी सबसे प्रमुख लक्षण है, जिससे मरीज के दैनिक जीवन में कठिनाई उत्पन्न होती है।
2. लिवर और किडनी की खराबी:
मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स के न्यूरोसर्जरी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. हिमांशु चंपनेरी के अनुसार, लिवर और किडनी की गंभीर बीमारियों का भी याददाश्त पर असर पड़ सकता है। ये अंग शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों में शामिल हैं, और इनकी खराबी सीधे तौर पर मस्तिष्क के कार्य को प्रभावित कर सकती है।
3. अन्य स्वास्थ्य कारक:
याददाश्त की कमजोरी का एक और कारण विटामिन B12 की कमी, ब्रेन में ब्लड क्लॉट, या किसी दवा के साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। इन समस्याओं का जल्दी समाधान न करना आपकी याददाश्त को और कमजोर कर सकता है।
कैसे पड़ता है याददाश्त पर असर?
डॉ. हिमांशु बताते हैं कि लिवर, किडनी और थाइराइड की बीमारियों का मस्तिष्क पर सीधा असर पड़ता है। इन अंगों की खराबी से मस्तिष्क के कार्यों में बदलाव आता है, जो अंततः याददाश्त पर प्रभाव डालता है। इससे संबंधित कुछ लक्षणों में मानसिक थकान, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, और याददाश्त में कमी शामिल हैं।
क्यों है अल्जाइमर का जल्दी पहचानना जरूरी?
डॉ. कपिल अग्रवाल, जो कि न्यूरोलॉजी विभाग के एचओडी हैं, बताते हैं कि अल्जाइमर की बीमारी का जल्दी निदान इस बीमारी को नियंत्रण में रखने में मदद करता है। यह आवश्यक है कि लोग याददाश्त में किसी भी प्रकार की कमी पर ध्यान दें और विशेषज्ञ से सलाह लें।
निष्कर्ष
याददाश्त की कमजोरी को केवल अल्जाइमर से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। लिवर और किडनी की स्वास्थ्य समस्याएं भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं। इसलिए, अगर आपको याददाश्त से संबंधित कोई समस्या हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें और अपने अंगों की सेहत पर ध्यान दें—यह आपकी याददाश्त और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।