क्या आपने कभी सोचा है कि आप किसी अजनबी का चेहरा देखते ही उसकी सारी जानकारी हासिल कर सकें—नाम, प्रोफेशन, परिवार की जानकारी? सुनने में ये किसी साइंस-फिक्शन फिल्म जैसा लगता है, लेकिन यह हकीकत बन चुका है। Harvard यूनिवर्सिटी के दो छात्रों ने ऐसा फेस रिकग्निशन चश्मा (facial recognition glasses) तैयार किया है, जो रियल टाइम में अजनबियों की पूरी डिटेल आपको बता सकता है। आइए जानते हैं इस तकनीक के बारे में विस्तार से।
कैसे काम करता है यह चश्मा?
Harvard के इन छात्रों ने Meta के स्मार्ट ग्लासेस का इस्तेमाल करके यह डिवाइस तैयार किया है। जब आप यह चश्मा पहनते हैं और किसी शख्स के सामने खड़े होते हैं, तो यह चश्मा तुरंत उस व्यक्ति के चेहरे को स्कैन करता है और इंटरनेट पर उपलब्ध सभी जानकारी को आपके डिवाइस—चाहे वह मोबाइल हो या लैपटॉप—पर दिखाता है। इसमें व्यक्ति का नाम, प्रोफेशन, सोशल मीडिया प्रोफाइल और अन्य जानकारी शामिल हो सकती है, जो इंटरनेट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होती है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
इन छात्रों ने बोस्टन की मेट्रो और गलियों में इस तकनीक का ट्रायल किया और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया। वीडियो में दिखाया गया कि वे अजनबियों से मिलते हैं और बिना उनसे पूछे उनकी निजी जानकारी बता देते हैं, जिससे वे लोग हैरान रह जाते हैं। यह वीडियो अब वायरल हो चुका है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इसे लेकर चर्चाएं हो रही हैं।
Two Harvard students using Meta glasses for facial recognition – fascinating bit of work.
Also their method would see localised EU restrictions fairly easily circumvented. pic.twitter.com/s6C2NLADla
— Noel Rock (@NoelRock) October 5, 2024
गोपनीयता का हनन या सुरक्षा का हथियार?
इस चश्मे के आविष्कार के बाद सोशल मीडिया पर इसके फायदे और नुकसान को लेकर बहस छिड़ गई है। कुछ लोगों का मानना है कि यह चश्मा गोपनीयता के अधिकार का हनन करता है। बिना किसी की अनुमति के उसकी निजी जानकारी हासिल करना उसे जोखिम में डाल सकता है। यह तकनीक अपराधियों के हाथ में पड़ने पर गलत उद्देश्यों के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती है।
हालांकि, कुछ लोगों का यह भी मानना है कि यह चश्मा महिला सुरक्षा के लिए एक कारगर हथियार साबित हो सकता है। कई यूजर्स का कहना है कि अगर यह तकनीक सही तरीके से इस्तेमाल की जाए, तो यह लड़कियों और महिलाओं को संभावित खतरों से बचाने में मददगार हो सकती है, जैसे कि अजनबियों से जुड़ी जानकारी समय रहते पता करना।
क्या भविष्य में यह तकनीक आम हो जाएगी?
फेस रिकग्निशन तकनीक पहले से ही स्मार्टफोन्स और सिक्योरिटी सिस्टम्स में इस्तेमाल की जा रही है, लेकिन यह चश्मा इसे एक नए स्तर पर ले गया है। अगर यह तकनीक सही दिशा में विकसित होती है, तो इसका उपयोग सुरक्षा, स्वास्थ्य और अन्य कई क्षेत्रों में किया जा सकता है। लेकिन इसके साथ ही, इसे लेकर कानूनी और नैतिक पहलुओं पर ध्यान देना भी जरूरी होगा, ताकि इसका दुरुपयोग न हो सके।
निष्कर्ष
Harvard के इन छात्रों द्वारा तैयार किया गया यह नया चश्मा तकनीकी दुनिया में एक बड़ा कदम है, जो हमारे रोजमर्रा के जीवन को बदल सकता है। हालांकि, इसके उपयोग और इसके नकारात्मक प्रभावों पर विचार करना महत्वपूर्ण है। एक ओर यह महिला सुरक्षा में मददगार साबित हो सकता है, तो वहीं दूसरी ओर इसका उपयोग गोपनीयता के हनन के लिए भी हो सकता है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में इस तकनीक का विकास किस दिशा में होता है।