खर्राटे और उच्च रक्तचाप का गहरा संबंध, ऑस्ट्रेलियाई शोध का खुलासा

खर्राटे और उच्च रक्तचाप का गहरा संबंध, ऑस्ट्रेलियाई शोध का खुलासा

खर्राटों से परेशान लोग अब ध्यान दें! हाल ही में किए गए एक अध्ययन में यह सामने आया है कि रात में खर्राटे लेना सिर्फ सोने में बाधा नहीं डालता, बल्कि यह आपकी सेहत के लिए गंभीर समस्या भी बन सकता है। ऑस्ट्रेलिया के फ्लिंडर्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि रात में नियमित रूप से खर्राटे लेना और उच्च रक्तचाप के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध है। इस शोध के मुताबिक, जो लोग खर्राटे लेते हैं, उनमें उच्च रक्तचाप और उससे संबंधित बीमारियों का खतरा अधिक होता है।

शोध से सामने आया सच: खर्राटों और हाई ब्लड प्रेशर का संबंध

खर्राटे और उच्च रक्तचाप पर किए गए इस अध्ययन में 12,287 लोगों को शामिल किया गया था। अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने नियमित रूप से रात में खर्राटे लिए, उनमें सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप बढ़ा हुआ था। खासकर उन लोगों का सिस्टोलिक रक्तचाप औसतन 3.8 एमएमएचजी और डायस्टोलिक रक्तचाप 4.5 एमएमएचजी अधिक पाया गया, जिन्होंने रात का 20% समय खर्राटे लेते हुए बिताया। यह अध्ययन दुनिया में अपनी तरह का पहला है, जिसमें खर्राटों और उच्च रक्तचाप के बीच इस तरह का संबंध साबित हुआ है।

उच्च रक्तचाप क्या है?

उच्च रक्तचाप, जिसे आम भाषा में हाइपरटेंशन कहा जाता है, तब होता है जब किसी व्यक्ति की धमनियों में रक्त का दबाव अत्यधिक बढ़ जाता है। इससे हृदय पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे हृदय रोग, दिल का दौरा, और स्ट्रोक जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। रक्तचाप दो संख्याओं के रूप में मापा जाता है:

  • सिस्टोलिक रक्तचाप (ऊपरी संख्या) – जब दिल पंप कर रहा होता है।
  • डायस्टोलिक रक्तचाप (निचली संख्या) – जब दिल आराम की स्थिति में होता है।
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खर्राटों का आपके रक्तचाप पर प्रभाव

फ्लिंडर्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अनुसार, नियमित रूप से खर्राटे लेना उच्च रक्तचाप का मुख्य कारण हो सकता है। जो लोग खर्राटे लेते हैं, उनके रक्तचाप का बढ़ा हुआ स्तर यह दर्शाता है कि उनके दिल पर अधिक दबाव पड़ रहा है। इससे शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति में बाधा आ सकती है, जिससे रक्तचाप और भी बढ़ सकता है। यही कारण है कि खर्राटों को केवल एक नींद की समस्या के रूप में नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है।

हृदय के लिए खतरा: खर्राटों से दिल की बीमारियों का जोखिम

खर्राटों और उच्च रक्तचाप का संबंध केवल रक्तचाप बढ़ाने तक सीमित नहीं है। उच्च रक्तचाप दिल पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे दिल की धड़कनों में अनियमितता, दिल का दौरा और यहां तक कि स्ट्रोक होने की संभावना बढ़ जाती है। अध्ययन में यह पाया गया कि जो लोग नियमित रूप से खर्राटे लेते हैं, उनमें हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा अधिक होता है।

खर्राटों से निपटने के उपाय

अगर आप नियमित रूप से खर्राटे लेते हैं और उच्च रक्तचाप की समस्या से बचना चाहते हैं, तो निम्नलिखित उपाय आपकी मदद कर सकते हैं:

  • स्वस्थ वजन बनाए रखें: अधिक वजन खर्राटों का एक बड़ा कारण हो सकता है।
  • सोने की मुद्रा बदलें: पीठ के बल सोने की बजाय करवट लेकर सोने से खर्राटों में कमी आ सकती है।
  • नियमित व्यायाम करें: शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से खर्राटों और रक्तचाप दोनों पर नियंत्रण रखा जा सकता है।
  • शराब और धूम्रपान से बचें: ये दोनों आदतें खर्राटों और उच्च रक्तचाप को बढ़ावा देती हैं।
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निष्कर्ष

यह नया शोध स्पष्ट रूप से यह साबित करता है कि खर्राटों और उच्च रक्तचाप के बीच एक गहरा संबंध है। अगर आप या आपका कोई परिचित रात में नियमित रूप से खर्राटे लेता है, तो इसे अनदेखा करना हानिकारक हो सकता है। समय रहते इस समस्या को पहचानकर डॉक्टर से सलाह लें और अपने दिल और स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करें। खर्राटों को केवल नींद की परेशानी न समझें, यह आपके दिल के लिए गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।

नोट: यह जानकारी केवल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।