Marburg Virus Outbreak, जानिए इस जानलेवा वायरस के लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

Marburg Virus Outbreak, जानिए इस जानलेवा वायरस के लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

कोरोना महामारी के बाद एक और खतरनाक वायरस ने दुनिया को हिला कर रख दिया है। इसका नाम मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) है, जिसने अब तक रवांडा में 12 से अधिक लोगों की जान ले ली है। यह अत्यधिक संक्रामक और घातक रक्तस्रावी बुखार (hemorrhagic fever) का कारण बनता है, और विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि यदि इस पर समय रहते काबू नहीं पाया गया, तो यह अगली वैश्विक महामारी बन सकता है। आइए जानते हैं इस वायरस के बारे में विस्तृत जानकारी और इससे बचाव के उपाय।

क्या है मारबर्ग वायरस?

मारबर्ग वायरस की पहचान पहली बार 1967 में जर्मनी के मारबर्ग शहर में हुई थी, जब एक प्रयोगशाला कर्मचारी इससे संक्रमित हुआ। यह वायरस इबोला वायरस के ही परिवार से संबंध रखता है और मुख्य रूप से चमगादड़ों से इंसानों में फैलता है। इसके बाद यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमित शारीरिक तरल पदार्थों जैसे खून, उल्टी, लार, और पसीने के संपर्क में आने से फैलता है। हालांकि, यह वायरस हवा से नहीं फैलता, जिससे इसके फैलाव का तरीका कोविड-19 से अलग है।

मारबर्ग वायरस के प्रमुख लक्षण

मारबर्ग वायरस के लक्षण संक्रमण के 2 से 21 दिनों के अंदर दिखने लगते हैं। इसके प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं:

  • तेज़ बुखार
  • भयंकर सिरदर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • दस्त और उल्टी
  • छाती में दर्द और खांसी
  • गले में खराश
  • पेट में दर्द
  • पीलिया
  • शरीर के छिद्रों (नाक, मुंह, आंख) से रक्तस्राव

जैसे-जैसे यह बीमारी गंभीर होती जाती है, शरीर के विभिन्न हिस्सों से खून बहना शुरू हो सकता है। यह रक्तस्राव घातक हो सकता है और जीवन के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

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मारबर्ग वायरस कैसे फैलता है?

मारबर्ग वायरस का संक्रमण इबोला और कोविड-19 की तरह शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है। यह तब फैलता है जब कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के खून, उल्टी, लार, या अन्य तरल पदार्थों के संपर्क में आता है। इसके अलावा, संक्रमित वस्तुओं के छूने से भी संक्रमण फैल सकता है।

मारबर्ग वायरस से मृत्यु दर

कोविड-19 की तुलना में मारबर्ग वायरस कहीं ज्यादा घातक है। कोविड-19 में जहां मृत्यु दर 2% के करीब थी, वहीं मारबर्ग वायरस की मृत्यु दर 70% से 90% तक हो सकती है। इसका मतलब है कि यह वायरस अत्यधिक घातक है और इससे संक्रमित लोगों में से अधिकतर की मृत्यु हो सकती है, खासकर अगर समय पर इलाज नहीं हो पाता।

मारबर्ग वायरस से बचाव के उपाय

  1. संक्रमित लोगों से दूरी बनाए रखें: मारबर्ग वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है, इसलिए संक्रमण की संभावना वाले लोगों से दूर रहना आवश्यक है।
  2. सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करें: हेल्थकेयर वर्कर्स को पीपीई किट्स का उपयोग करना चाहिए ताकि वे संक्रमित शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में न आएं।
  3. हाथों की स्वच्छता बनाए रखें: नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
  4. चमगादड़ों और अन्य जंगली जानवरों से बचें: मारबर्ग वायरस मुख्य रूप से चमगादड़ों से फैलता है, इसलिए उन क्षेत्रों में जहां चमगादड़ों का खतरा हो, वहां विशेष सावधानी बरतें।
  5. टीकाकरण: हालांकि, मारबर्ग वायरस के लिए अभी कोई अनुमोदित टीका उपलब्ध नहीं है, लेकिन रवांडा में एक संभावित टीका पर अध्ययन किया जा रहा है।
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निष्कर्ष

मारबर्ग वायरस एक घातक संक्रमण है, जो तेजी से फैलता है और यदि समय पर इसे नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह वैश्विक महामारी का रूप ले सकता है। इसके लक्षणों को पहचानकर और समय पर सावधानियां बरतकर हम इसके प्रसार को रोक सकते हैं। व्यक्तिगत स्वच्छता, संक्रमित लोगों से दूरी और टीकाकरण जैसी प्राथमिक सावधानियों को अपनाकर आप इस खतरनाक वायरस से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।

मारबर्ग वायरस से जुड़े खतरे को समझें और सतर्क रहें, क्योंकि यह वायरस वैश्विक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है।