क्या आप जानते हैं कि विटामिन सी की कमी, जिसे स्कर्वी के रूप में जाना जाता है, केवल 18वीं सदी के नाविकों तक सीमित नहीं है? आज के समय में भी, खासकर बुजुर्गों में विटामिन सी की कमी तेजी से बढ़ रही है। कैनेडियन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल (CMAJ) में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन के अनुसार, विटामिन सी की कमी से असामान्य रक्तस्राव, थकान, और कमजोरी जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। यह अध्ययन कनाडा के यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है, जिन्होंने चिकित्सकों को इस गंभीर समस्या के प्रति जागरूक किया है।
बुजुर्ग महिला का केस: विटामिन सी की कमी के चौंकाने वाले परिणाम
टोरंटो की 65 वर्षीय महिला, जो कम शारीरिक गतिविधि और असामान्य सामाजिक जीवन जी रही थी, विटामिन सी की गंभीर कमी से पीड़ित पाई गई। यह महिला ज्यादातर डिब्बाबंद सूप और मछली पर निर्भर थी, जो कि एक संतुलित आहार से कोसों दूर था। नतीजतन, उसे पैर में दर्द, त्वचा पर घाव, और रंग में बदलाव जैसी समस्याएं होने लगीं।
कम शारीरिक गतिविधि और खराब पोषण के कारण उसकी हालत और बिगड़ गई। उसे डाउनटाउन टोरंटो के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत को विटामिन सी की कमी के रूप में पहचाना।
विटामिन सी की कमी से हो सकते हैं ये गंभीर लक्षण
- असामान्य रक्तस्राव: मसूड़ों से खून आना या त्वचा के नीचे खून जमना विटामिन सी की कमी का सबसे पहला लक्षण हो सकता है।
- थकान और कमजोरी: लगातार थकान, चाहे आप कितना भी आराम कर लें, यह कमी का संकेत हो सकता है।
- त्वचा पर घाव: विटामिन सी की कमी से शरीर में घाव धीरे-धीरे भरते हैं और त्वचा पर काले धब्बे भी हो सकते हैं।
- धूम्रपान से बढ़ सकता है खतरा: इस विशेष केस में महिला धूम्रपान करती थी, जिससे उसकी विटामिन सी की कमी और गंभीर हो गई। धूम्रपान शरीर में विटामिन सी के स्तर को और भी घटा सकता है।
चिकित्सकों के लिए चेतावनी: ध्यान रखें स्कर्वी के लक्षण
डॉक्टरों ने स्पष्ट किया है कि विटामिन सी की कमी को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, क्योंकि इसके लक्षण आमतौर पर अस्पष्ट होते हैं। थकान, कमजोरी और सांस फूलना जैसे लक्षण अन्य बीमारियों के भी हो सकते हैं, लेकिन इन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए। बुजुर्ग और बच्चों का मूल्यांकन करते समय चिकित्सकों को इस कमी के प्रति सतर्क रहना चाहिए।
कैसे बचें इस खतरनाक कमी से?
विटामिन सी से भरपूर आहार जैसे कि ताजे फल, सब्जियां, खासकर खट्टे फल, अपने आहार में शामिल करें। साथ ही, नियमित रूप से स्वस्थ आदतें अपनाएं, जिससे विटामिन सी की कमी से बचा जा सके।
निष्कर्ष:
विटामिन सी की कमी 21वीं सदी का एक छुपा हुआ खतरा बन चुका है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। खासकर बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए, संतुलित आहार और नियमित शारीरिक गतिविधि आवश्यक है। अगर आपको भी थकान, कमजोरी या अन्य अस्पष्ट लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें और विटामिन सी के स्तर की जांच कराएं।