सोशल मीडिया और मानसिक सेहत जानिए कैसे इसका ज़्यादा इस्तेमाल आपके दिमाग पर डाल सकता है गहरा प्रभाव

सोशल मीडिया और मानसिक सेहत जानिए कैसे इसका ज़्यादा इस्तेमाल आपके दिमाग पर डाल सकता है गहरा प्रभाव

आज की डिजिटल दुनिया में, सोशल मीडिया का इस्तेमाल हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। चाहे काम हो, मनोरंजन हो या फिर दूसरों से जुड़े रहने की बात हो, सोशल मीडिया हर जगह हमारे साथ है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका ज़्यादा इस्तेमाल आपकी मानसिक सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकता है? अगर आप भी सोशल मीडिया का ज़्यादा कंज़म्शन करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

सोशल मीडिया और मानसिक स्वास्थ्य के बीच कनेक्शन

अमेरिका के सर्जन जनरल, वाइस एडमिरल विवेक मूर्ति ने हाल ही में सोशल मीडिया और मानसिक स्वास्थ्य के बीच एक सीधे संबंध की ओर इशारा किया है। उन्होंने NDTV से बातचीत के दौरान बताया कि उनके कार्यालय ने इस संबंध में एक एडवाइजरी भी जारी की है। विवेक मूर्ति के अनुसार, सोशल मीडिया का अत्यधिक इस्तेमाल मानसिक स्वास्थ्य पर गहरे मायनों में प्रभाव डाल सकता है। इस विषय पर हुए अध्ययनों से पता चलता है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, जैसे कि फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर, पर बहुत अधिक समय बिताने से लोग तनाव, चिंता, और डिप्रेशन जैसी समस्याओं का शिकार हो सकते हैं।

सोशल मीडिया का दिमाग पर असर कैसे होता है?

सोशल मीडिया का इस्तेमाल हमारे दिमाग के रिवार्ड सिस्टम को लगातार सक्रिय रखता है। जब हम लाइक्स, कमेंट्स, या शेयर पाते हैं, तो हमारा दिमाग डोपामाइन नामक रसायन रिलीज़ करता है, जो हमें अच्छा महसूस कराता है। हालांकि, इस तरह की इंस्टेंट ग्रैटिफिकेशन की आदत पड़ने से हमें असली ज़िंदगी की खुशियों में कम दिलचस्पी हो जाती है। साथ ही, सोशल मीडिया पर दूसरों की ज़िंदगी को देखकर हमारी अपनी लाइफ को कमतर आंकने का खतरा भी बढ़ जाता है।

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सोशल मीडिया पर ज़्यादातर लोग अपनी ज़िंदगी के अच्छे हिस्से ही शेयर करते हैं, जिससे हमें ये महसूस हो सकता है कि हमारी ज़िंदगी उतनी अच्छी नहीं है। इसका नतीजा आत्म-सम्मान में कमी और भावनात्मक समस्याओं के रूप में सामने आ सकता है। विवेक मूर्ति ने इसे “सोशल मीडिया का आभासी दबाव” बताया, जो युवा पीढ़ी में खासतौर पर देखने को मिल रहा है।

क्या कहती है सर्जन जनरल की एडवाइजरी?

विवेक मूर्ति के कार्यालय द्वारा जारी की गई एडवाइजरी में बताया गया है कि सोशल मीडिया का अत्यधिक इस्तेमाल युवाओं और किशोरों की मानसिक सेहत को नुकसान पहुँचा सकता है। इसमें प्रमुख समस्याओं में चिंता, डिप्रेशन, और आत्म-सम्मान में कमी शामिल हैं। इसके अलावा, नींद में कमी और असामाजिक व्यवहार भी सोशल मीडिया के ज़्यादा इस्तेमाल से जुड़े हैं।

उन्होंने माता-पिता और शिक्षकों को भी इस बात की सलाह दी है कि वे बच्चों और किशोरों को सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करें।

सोशल मीडिया का बैलेंस्ड इस्तेमाल कैसे करें?

तो क्या सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना बिल्कुल बंद कर देना चाहिए? इसका जवाब नहीं है। सोशल मीडिया के फायदे भी हैं, जैसे कि दोस्तों और परिवार से जुड़े रहना, नई चीज़ें सीखना, और समाज से जुड़े मुद्दों के बारे में जागरूक रहना। लेकिन इसके लिए बैलेंस बनाना बेहद ज़रूरी है।

नीचे कुछ टिप्स दिए गए हैं जो आपको सोशल मीडिया का बैलेंस्ड इस्तेमाल करने में मदद करेंगे:

  1. टाइम लिमिट सेट करें: कोशिश करें कि आप दिनभर में सोशल मीडिया पर कितना समय बिताते हैं, उसका ध्यान रखें और एक समय सीमा निर्धारित करें।
  2. सोशल मीडिया डिटॉक्स लें: हफ्ते में कुछ दिन या कुछ घंटों के लिए खुद को सोशल मीडिया से दूर रखें। इस समय का इस्तेमाल किताबें पढ़ने, दोस्तों से मिलने, या अन्य उत्पादक कामों में करें।
  3. सोशल मीडिया का पॉजिटिव इस्तेमाल करें: अगर आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो कोशिश करें कि इसका उपयोग कुछ सकारात्मक और उत्पादक कामों के लिए करें, जैसे कि नई स्किल्स सीखना या किसी अच्छे काम से जुड़ना।
  4. रियल लाइफ इंटरेक्शन बढ़ाएँ: सोशल मीडिया के बजाए असली दुनिया में दोस्तों और परिवार के साथ वक्त बिताना ज़्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।
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निष्कर्ष

सोशल मीडिया आज की दुनिया का एक अहम हिस्सा है, लेकिन इसका ज़्यादा इस्तेमाल आपकी मानसिक सेहत को नुकसान पहुँचा सकता है। इसलिए, विवेक मूर्ति जैसे विशेषज्ञों की सलाह को ध्यान में रखते हुए, सोशल मीडिया का बैलेंस्ड इस्तेमाल करना ज़रूरी है। अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें और ज़रूरत पड़ने पर सोशल मीडिया से ब्रेक लें।