कैसे पहचाने नकली मोबाइल चार्जर नकली चार्जर से हो सकता है बड़ा खतरा

कैसे पहचाने नकली मोबाइल चार्जर नकली चार्जर से हो सकता है बड़ा खतरा

आज के समय में टाइप-सी चार्जर लगभग सभी स्मार्टफोन्स के साथ इस्तेमाल होने लगा है। यह बेहद कॉमन हो चुका है, और इसी वजह से लोग कहीं से भी चार्जर खरीद लेते हैं या किसी और का चार्जर इस्तेमाल कर लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आदत आपको गंभीर खतरे में डाल सकती है? नकली चार्जर का इस्तेमाल न सिर्फ आपके फोन को नुकसान पहुंचा सकता है, बल्कि इससे फोन में ब्लास्ट होने का भी खतरा बढ़ जाता है। कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें चार्जिंग के दौरान फोन में ब्लास्ट हुआ है, और कुछ मामलों में जान तक चली गई है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आप हमेशा ओरिजिनल चार्जर का ही इस्तेमाल करें।

नकली चार्जर के इस्तेमाल से होने वाले खतरे

1. फोन ब्लास्ट का खतरा

नकली चार्जर फोन की बैटरी को ओवरचार्ज कर देता है, जिससे फोन में ब्लास्ट हो सकता है। कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जहां नकली चार्जर की वजह से फोन में ब्लास्ट हुआ और गंभीर हादसे हुए। नकली चार्जर में खराब क्वालिटी के कंपोनेंट्स होते हैं, जो बैटरी में असंतुलन पैदा कर सकते हैं।

2. फोन की लाइफ घट जाती है

नकली चार्जर से फोन चार्ज करने से बैटरी की लाइफ तेजी से कम हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि नकली चार्जर में सही वोल्टेज कंट्रोल नहीं होता, जिससे बैटरी को नुकसान पहुंचता है। इसके कारण आपका फोन जल्दी डिस्चार्ज होने लगता है और धीरे-धीरे उसकी कार्यक्षमता भी घटती जाती है।

3. सुरक्षा के लिए जरूरी है ओरिजिनल चार्जर

ओरिजिनल चार्जर फोन के निर्माता कंपनी द्वारा डिजाइन और टेस्ट किए गए होते हैं, जिससे आपके फोन की बैटरी सुरक्षित रहती है। नकली चार्जर के इस्तेमाल से न सिर्फ आपके फोन की बैटरी खराब होती है, बल्कि आपका फोन भी हमेशा खतरे में रहता है।

READ
Flipkart Big Shopping Utsav फेस्टिव सीजन में बंपर डिस्काउंट और बेहतरीन डील्स!

कैसे पहचाने नकली चार्जर?

1. BIS मार्क की जांच करें

अगर आप यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आपका चार्जर असली है या नहीं, तो आपको चार्जर पर BIS मार्क (Bureau of Indian Standards) देखना चाहिए। असली चार्जर में BIS सर्टिफिकेशन होता है, जो यह प्रमाणित करता है कि यह चार्जर सभी सुरक्षा मानकों को पूरा करता है।

2. BIS Care App का उपयोग करें

भारत सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए BIS Care App लॉन्च किया है। इस ऐप की मदद से आप किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के BIS सर्टिफिकेट की जांच कर सकते हैं। आपको सिर्फ चार्जर पर दिए गए BIS नंबर को इस ऐप में डालना है, और यह आपको बता देगा कि आपका चार्जर असली है या नकली।

3. चार्जर का वज़न और क्वालिटी

असली चार्जर हमेशा अच्छी क्वालिटी का होता है, और उसकी बनावट भी मजबूत होती है। नकली चार्जर अक्सर हल्का होता है और उसकी प्लास्टिक क्वालिटी भी खराब होती है। साथ ही, नकली चार्जर में अक्सर चार्जिंग के दौरान ज्यादा गर्मी महसूस होती है।

4. लोगो और पैकेजिंग की जांच करें

नकली चार्जर की पैकेजिंग और उस पर बना लोगो अक्सर हल्का या धुंधला होता है। ओरिजिनल चार्जर की पैकेजिंग हमेशा साफ और हाई क्वालिटी की होती है। इसके अलावा, असली चार्जर पर ब्रांड का लोगो और बाकी जानकारी साफतौर पर लिखी होती है।

5. कीमत से पहचानें

अगर चार्जर की कीमत बाजार में मौजूद अन्य चार्जर्स के मुकाबले बहुत कम है, तो यह नकली होने की संभावना है। असली चार्जर की कीमत हमेशा ब्रांड के स्टैंडर्ड के अनुसार होती है, और बहुत सस्ता चार्जर आमतौर पर नकली होता है।

READ
Meta MovieGen फिल्म निर्माण का भविष्य, केवल टेक्स्ट से बनाए हाई-क्वालिटी वीडियो

नकली चार्जर से बचने के टिप्स

  1. हमेशा ओरिजिनल चार्जर का इस्तेमाल करें।
  2. चार्जर खरीदते समय BIS मार्क की जांच करें।
  3. सरकारी BIS Care App का इस्तेमाल करें।
  4. चार्जर को सस्ते दामों पर न खरीदें।
  5. फोन चार्ज करते समय ध्यान दें कि चार्जर अधिक गर्म न हो।

निष्कर्ष

नकली चार्जर का इस्तेमाल न सिर्फ आपके फोन को खराब कर सकता है, बल्कि आपकी जान के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है। इसलिए, हमेशा ओरिजिनल चार्जर का ही इस्तेमाल करें और नकली चार्जर की पहचान के लिए BIS Care App का उपयोग करें। सावधानी बरतें और सुरक्षित रहें!

ध्यान रखें: एक छोटी सी लापरवाही आपके जीवन के लिए भारी साबित हो सकती है, इसलिए नकली चार्जर का इस्तेमाल करने से बचें और ओरिजिनल चार्जर का ही उपयोग करें।