गर्भावस्था के दौरान दवाएं लेना: जानें कैसे करें सही चुनाव और किन बातों का रखें ध्यान

गर्भावस्था के दौरान दवाएं लेना: जानें कैसे करें सही चुनाव और किन बातों का रखें ध्यान

गर्भावस्था एक ऐसी अवस्था है जहां महिला के स्वास्थ्य के साथ-साथ भ्रूण का भी पूरा ख्याल रखना जरूरी होता है। इसलिए, इस दौरान दवाओं का सेवन करना हमेशा सावधानीपूर्वक होना चाहिए। डॉक्टर आमतौर पर गर्भवती महिलाओं को सलाह देते हैं कि वे गर्भावस्था के दौरान दवाओं का उपयोग न करें, खासकर पहली तिमाही में, जब बच्चे के अंग बन रहे होते हैं। लेकिन कई बार कुछ स्वास्थ्य स्थितियों में दवाओं का उपयोग करना जरूरी होता है।

इस लेख में हम आपको बताएंगे कि गर्भावस्था के दौरान दवाएं लेते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और कैसे सही चुनाव करें ताकि मां और बच्चे का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे।

1. डॉक्टर से सलाह लेना है सबसे जरूरी

गर्भावस्था के दौरान कोई भी नई दवा लेने से पहले डॉक्टर या फार्मासिस्ट से सलाह लेना बेहद जरूरी है। कुछ दवाएं गर्भावस्था के लिए सुरक्षित नहीं होती, इसलिए डॉक्टर की राय से ही दवाओं का चयन करना चाहिए।

2. जोखिमों का सही आकलन करें

कुछ दवाएं गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं, जैसे कि जन्म दोष, समय से पहले जन्म या गर्भावस्था का नुकसान। हालांकि, कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज न करना भी जोखिम भरा हो सकता है। इसलिए सही आकलन करना जरूरी है कि क्या दवा लेना अनिवार्य है या नहीं।

3. गर्भावस्था के चरण पर ध्यान दें

गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में दवाओं का उपयोग करने से खतरा सबसे अधिक होता है। पहली तिमाही में जब बच्चे के अंग विकसित हो रहे होते हैं, तब कुछ दवाएं सुरक्षित नहीं होती हैं। लेकिन वही दवाएं गर्भावस्था के बाद के चरणों में सुरक्षित हो सकती हैं। इसलिए, डॉक्टर से यह जानना जरूरी है कि किस तिमाही में कौन सी दवा सुरक्षित है।

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4. दवाओं के प्रकार को समझें

एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल) को गर्भावस्था के दौरान दर्द से राहत के लिए आमतौर पर सुरक्षित माना जाता है। लेकिन एस्पिरिन और NSAIDs (नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स) से बचना चाहिए। हमेशा डॉक्टर से पूछें कि कौन सी दवाएं आपके लिए सही हैं।

5. अन्य विकल्पों को आज़माएं

कुछ स्थितियों में प्राकृतिक या घरेलू उपचार दवाओं से बेहतर हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आपको खांसी है तो फोल्कोडाइन या डेक्सट्रोमेथॉरफन सूखी खांसी के लिए सुरक्षित मानी जाती हैं। जबकि गाइफेनेसिन या ब्रोमहेक्सिन छाती में खांसी के लिए सुरक्षित मानी जाती हैं।

6. अपने नुस्खे को बदलने पर विचार करें

अगर आप गर्भावस्था के दौरान पहले से कोई दवा ले रही हैं, जैसे कि एंटीकोएगुलंट्स, तो गर्भवती होते ही डॉक्टर से अपने नुस्खे को बदलने या रोकने के बारे में बात करें। गर्भावस्था में कई दवाओं की खुराक को बदलना जरूरी हो सकता है ताकि मां और बच्चे दोनों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे।

निष्कर्ष:

गर्भावस्था के दौरान दवाओं का सेवन डॉक्टर की सलाह के अनुसार और पूरी सतर्कता के साथ किया जाना चाहिए। कोई भी दवा लेने से पहले उसके लाभ और संभावित जोखिमों पर विचार करें, और हमेशा डॉक्टर से परामर्श लें। सही जानकारी और सावधानी के साथ आप और आपका बच्चा सुरक्षित रह सकते हैं।