हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, और ऐसे मामलों में सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) जीवन रक्षक साबित हो सकता है। हाल ही में, सीपीआर के जरिए कुछ अभूतपूर्व घटनाओं ने इसे फिर से चर्चा में ला दिया है। चाहे वह आगरा के हेड कांस्टेबल द्वारा बुजुर्ग की जान बचाने का मामला हो या दिल्ली के सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में 45 मिनट तक सीपीआर देकर 63 साल की महिला की जान बचाने की घटना—सीपीआर का महत्व आज पहले से कहीं अधिक बढ़ गया है।
इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कैसे और कब सीपीआर देना चाहिए और हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट के दौरान इसे कितनी जल्दी शुरू करना चाहिए ताकि मरीज की जान बचाई जा सके।
सीपीआर क्या है और यह कैसे काम करता है?
सीपीआर (CPR) एक आपातकालीन जीवन रक्षक तकनीक है, जिसका उपयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति का हृदय अचानक रुक जाता है। इसमें छाती को लगातार दबाने (कम्प्रेशन) और मुंह से सांस देने (रेस्क्यू ब्रीदिंग) के माध्यम से ऑक्सीजिनेटेड ब्लड को ब्रेन और अन्य अंगों तक पहुंचाया जाता है। इससे ब्रेन सेल्स मरने से बच जाते हैं और दिल को फिर से चलाने के लिए उत्तेजित किया जाता है।
सीपीआर कब देना चाहिए?
हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट के बाद पहले 5 मिनट में सीपीआर देना बहुत महत्वपूर्ण होता है। समय के साथ सीपीआर का प्रभाव कम होता है। उदाहरण के लिए:
- यदि 1 मिनट के अंदर सीपीआर दिया जाए, तो मरीज की जान बचने की संभावना 22% तक होती है।
- यदि 39 मिनट बाद सीपीआर दिया जाए, तो यह संभावना घटकर सिर्फ 1% रह जाती है।
इसलिए, सीपीआर जितनी जल्दी दी जाएगी, मरीज की जान बचने के चांस उतने ही अधिक होंगे।
सीपीआर कैसे दें: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
- मरीज को सख्त सतह पर लिटाएं: मरीज को जमीन पर या किसी सख्त सतह पर लिटाएं।
- सही पोजिशन में खड़े हों: सीपीआर देने वाले व्यक्ति को मरीज के चेस्ट के पास घुटनों के बल बैठना चाहिए।
- दोनों हाथों का इस्तेमाल करें: दोनों हाथों को एक-दूसरे पर रखें और हथेलियों को मरीज की छाती के बीच में रखें।
- छाती को दबाएं: 2 से 2.4 इंच तक छाती को दबाएं। एक मिनट में 100-120 बार चेस्ट कम्प्रेशन करें।
- ब्रीदिंग दें: 30 बार कम्प्रेशन के बाद, दो बार मुंह से सांस दें। यदि आप मुंह से सांस नहीं देना चाहते हैं, तो कम्प्रेशन जारी रखें।
- रिस्पॉन्स चेक करें: हर 10 सेकंड में मरीज की पल्स और सांस चेक करें। यदि पल्स नहीं मिलती है, तो कम्प्रेशन जारी रखें।
- मेडिकल हेल्प तक जारी रखें: जब तक मेडिकल हेल्प न पहुंच जाए या मरीज रिस्पॉन्ड न करने लगे, तब तक सीपीआर देना जारी रखें।
सीपीआर के दौरान ध्यान देने योग्य बातें
- सीपीआर के दौरान शारीरिक सुरक्षा का ध्यान रखें।
- पल्स रेट को लगातार चेक करते रहें, खासकर गले से (केरोटेड पल्स)।
- सीपीआर देते समय मरीज का चेस्ट पर्याप्त रूप से दबाएं और उसे ठीक तरह से रिकवर होने दें।
हार्ट अटैक के कितनी देर बाद सीपीआर देना सही होता है?
एक्सपर्ट्स के अनुसार, हार्ट अटैक आने के पहले 1 से 5 मिनट में सीपीआर देना सबसे अधिक प्रभावी होता है। यदि 30 मिनट के भीतर सीपीआर दिया जाए, तो इससे ब्रेन फंक्शन को भी बनाए रखने में मदद मिलती है।
निष्कर्ष:
सीपीआर एक जीवनरक्षक प्रक्रिया है, जिसे तुरंत और सही तरीके से देने पर हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के मामलों में मरीज की जान बचाई जा सकती है। समय रहते सही जानकारी और प्रशिक्षण के साथ, आप भी किसी की जान बचा सकते हैं। यदि आपको सीपीआर की जानकारी नहीं है, तो आज ही इसे सीखने का निर्णय लें, ताकि आप किसी आपात स्थिति में तैयार रहें।