ARFID क्या है?
ARFID यानी Avoidant/Restrictive Food Intake Disorder एक ईटिंग डिसऑर्डर है, जिसमें लोग भोजन से डरते हैं। इस बीमारी में खाने की बनावट, खुशबू, रंग, या सूरत देखकर लोग खाना खाने से कतराते हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह डिसऑर्डर सिर्फ पिकी ईटिंग (खाने में नखरे दिखाना) से अलग होता है। इस डिसऑर्डर के कारण व्यक्ति के शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
ARFID और पिकी ईटिंग में अंतर
पिकी ईटिंग अक्सर बच्चों में होता है और वे बचपन में किसी खास भोजन को खाने से मना कर देते हैं। हालांकि, यह समस्या सामान्य रूप से उम्र के साथ समाप्त हो जाती है। वहीं, ARFID एक गंभीर बीमारी है, जिसमें व्यक्ति को पोषण की कमी के कारण शारीरिक समस्याएं होने लगती हैं, जैसे कमजोरी, थकावट, और अन्य शारीरिक समस्याएं।
ARFID के कारण
ARFID के कई कारण हो सकते हैं। इनमें सबसे प्रमुख हैं:
- भय: कुछ लोगों को खाना खाते समय घबराहट होती है कि कहीं खाना उनके गले में फंस न जाए या उन्हें एलर्जी न हो जाए।
- आसपास का वातावरण: जिन लोगों को बचपन में जबरदस्ती खाना खिलाया जाता है, उनमें ARFID का खतरा बढ़ सकता है।
- जेनेटिक्स: इस डिसऑर्डर का संबंध किसी व्यक्ति के परिवार से भी हो सकता है।
- चिंता और डर: खाने को लेकर मन में किसी प्रकार का डर या तनाव होना भी इसका कारण हो सकता है।
ARFID के संकेत और लक्षण
ARFID के कुछ आम लक्षण हैं, जिन्हें समय पर पहचानना जरूरी है। इसमें शामिल हैं:
- कब्ज: इस डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों को अक्सर पेट साफ न होने की समस्या होती है।
- एसिडिटी: खाना न खाने के कारण पेट में एसिड बनने लगता है।
- पेट दर्द: लंबे समय तक भूखे रहने या अनहेल्दी खाने से पेट में दर्द और ऐंठन हो सकती है।
- शारीरिक कमजोरी: पोषक तत्वों की कमी के कारण शरीर कमजोर होने लगता है, जिससे अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
ARFID से कैसे बचा जा सकता है?
ARFID एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन समय रहते इसका इलाज किया जा सकता है। यहां कुछ उपाय दिए जा रहे हैं:
- साइकोथेरेपी: मनोवैज्ञानिक उपचार की मदद से खाने से जुड़ा डर कम किया जा सकता है।
- व्यवहार थेरेपी: व्यक्ति के खाने की आदतों को सुधारने के लिए डॉक्टर विशेष तरह की थेरेपी का सहारा लेते हैं।
- समर्थन और परिवार: परिवार का सही सहयोग और बच्चों के साथ जबरदस्ती न करना भी इस समस्या से बचने में मदद करता है।
- पोषण की जांच: डॉक्टर से नियमित पोषण की जांच कराएं ताकि पता चले कि शरीर में किसी तरह की पोषण की कमी तो नहीं है।
निष्कर्ष
ARFID एक ऐसी समस्या है, जिसे गंभीरता से लेना जरूरी है। खासकर बच्चों में इस समस्या के शुरुआती लक्षणों को पहचानकर सही समय पर इलाज कराना बेहद जरूरी है। यह केवल एक ईटिंग डिसऑर्डर नहीं है, बल्कि इसके कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी और अन्य गंभीर समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। अगर आप या आपका कोई करीबी इस समस्या से जूझ रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उचित इलाज करवाएं।
ARFID को समय पर पहचान कर सही इलाज करने से इससे होने वाली गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है।
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