बच्चों के स्क्रीन टाइम को कैसे करें मैनेज? एक्सपर्ट की खास सलाह

बच्चों के स्क्रीन टाइम को कैसे करें मैनेज? एक्सपर्ट की खास सलाह

आजकल के बच्चे अपना ज्यादातर समय फोन, टीवी या टैबलेट पर बिताते हैं, जो माता-पिता के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। बच्चों की स्क्रीन पर बढ़ती निर्भरता ने उनकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया है। ज्यादातर माता-पिता इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि बच्चों के लिए सही स्क्रीन टाइम कितना होना चाहिए। आइए जानते हैं एक्सपर्ट की राय और कुछ जरूरी टिप्स, जिनसे आप बच्चों के स्क्रीन टाइम को सही तरीके से मैनेज कर सकते हैं।

एक्सपर्ट की सलाह

डॉ. अर्नव सरोया के अनुसार, बच्चों की आंखें बेहद नाजुक होती हैं, इसलिए स्क्रीन टाइम को लेकर सावधानी बरतना जरूरी है। छोटे बच्चों के लिए स्क्रीन का अधिक इस्तेमाल उनकी आंखों और मानसिक विकास को नुकसान पहुंचा सकता है। यहाँ कुछ उम्र के हिसाब से दिए गए सुझाव हैं:

1. 18 से 24 महीने के बच्चे

इस उम्र के बच्चों को स्क्रीन से पूरी तरह दूर रखना सबसे बेहतर है। यह वह समय है जब उनका दिमाग और आंखें तेजी से विकसित हो रही होती हैं, और स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताना उनके विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

2. 2 साल या उससे अधिक उम्र के बच्चे

इस आयु वर्ग के बच्चों के लिए दिन में 1 घंटे तक टीवी या फोन देखने की सलाह दी जाती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने से ठीक पहले स्क्रीन देखने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे उनकी नींद पर बुरा असर पड़ सकता है।

3. 4 से 6 साल के बच्चे

इस उम्र के बच्चों के लिए दिन में 1 से 3 घंटे तक स्क्रीन देखने की सलाह दी जाती है, लेकिन ध्यान रखें कि वे लगातार 3 घंटे तक स्क्रीन न देखें। बीच-बीच में ब्रेक लेकर उनकी आंखों और दिमाग को आराम देना जरूरी है।

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स्क्रीन टाइम के ज्यादा होने के नुकसान

बच्चों का लंबे समय तक स्क्रीन देखना उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके कुछ प्रमुख नुकसान इस प्रकार हैं:

  • मोटापा: लगातार स्क्रीन पर बैठे रहने से शारीरिक गतिविधियों में कमी होती है, जिससे मोटापे की समस्या हो सकती है।
  • चिड़चिड़ापन: ज्यादा स्क्रीन टाइम से बच्चे का मूड खराब हो सकता है, और उनमें चिड़चिड़ापन और गुस्सा बढ़ सकता है।
  • नींद की समस्या: लंबे समय तक स्क्रीन देखने से बच्चों की नींद पर असर पड़ता है, और वे पर्याप्त नींद नहीं ले पाते।
  • आंखों की रोशनी कमजोर होना: स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से बच्चों की आंखों की रोशनी कमजोर हो सकती है, और उन्हें चश्मे की जरूरत पड़ सकती है।

बच्चों के स्क्रीन टाइम को कंट्रोल करने के आसान टिप्स

बच्चों के स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन कुछ टिप्स को फॉलो करके इसे बेहतर ढंग से मैनेज किया जा सकता है:

  1. ब्रेक लेना जरूरी: बच्चों को टीवी या फोन देखने के दौरान हर 20 मिनट पर एक छोटा ब्रेक लेने के लिए कहें। इससे उनकी आंखों को आराम मिलेगा और स्क्रीन का प्रभाव कम होगा।
  2. दूरी बनाए रखें: बच्चों को सिखाएं कि स्क्रीन को नजदीक से न देखें। फोन या टीवी से पर्याप्त दूरी बनाए रखना आंखों के लिए जरूरी है।
  3. आउटडोर गेम्स: माता-पिता बच्चों को आउटडोर गेम्स या अन्य शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करें। इससे उनका समय स्क्रीन के बजाय खेल-कूद में बीतेगा और उनका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।
  4. नियमित आंखों की जांच: बच्चों की आंखों की नियमित रूप से जांच कराएं ताकि कोई समस्या होने पर समय पर पता चल सके और सही उपचार मिल सके।
  5. पेरेंटल कंट्रोल: टीवी, फोन या लैपटॉप पर पेरेंटल कंट्रोल का इस्तेमाल करें। इससे आप बच्चों के कंटेंट और स्क्रीन टाइम को मॉनिटर कर सकेंगे।
  6. स्क्रीन की जगह खेल: घर में हर कमरे में टीवी या लैपटॉप रखने से बचें। बच्चों के लिए एक सीमित स्थान तय करें जहाँ वे स्क्रीन का इस्तेमाल कर सकें, ताकि वे बाकी समय खेल और अन्य गतिविधियों में व्यस्त रहें।
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