पिछले कुछ वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने दुनिया के हर कोने में अपना प्रभाव दिखाया है। लेकिन अब, साइबर अपराधी भी AI का उपयोग कर अधिक खतरनाक और जटिल मैलवेयर तैयार कर रहे हैं, जिससे साइबर सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे उत्पन्न हो रहे हैं। चेक पॉइंट सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजीज की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, AI आधारित मैलवेयर तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे साइबर हमलों में भारी बढ़ोतरी देखी जा रही है।
ग्लोबल थ्रेट इंडेक्स रिपोर्ट: AI मैलवेयर का उदय
सितंबर 2024 में जारी ग्लोबल थ्रेट इंडेक्स रिपोर्ट ने खुलासा किया कि साइबर अपराधी AI का उपयोग करके जटिल और मजबूत मैलवेयर बना रहे हैं। इसमें AsyncRAT जैसे मैलवेयर तेजी से फेमस हो रहे हैं, जो अब दुनिया भर में 10वें स्थान पर है। इस मैलवेयर के जरिए साइबर अपराधी संवेदनशील जानकारी चुराने और पीड़ितों के डिवाइस को पूरी तरह से नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं।
HTML स्मगलिंग और AI: कैसे फैलता है AsyncRAT?
रिसर्चरों का कहना है कि साइबर अपराधी HTML स्मगलिंग का उपयोग कर AsyncRAT मैलवेयर को फैलाने की तकनीक में AI का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस प्रक्रिया में मैलिशियस VBScript कोड को पासवर्ड-प्रोटेक्टेड ZIP फाइल के रूप में भेजा जाता है। इन मैलवेयर को तैयार करने में AI की मदद ली जाती है, जो इन्हें और भी घातक बनाता है।
चेक पॉइंट सॉफ्टवेयर की रिसर्च वीपी माया होरोविट्ज ने इस बात की पुष्टि की है कि अपराधियों ने अब अपने मैलवेयर को और अधिक खतरनाक बनाने के लिए जनरेटिव AI का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, जिससे साइबर हमलों में तेजी से वृद्धि हो रही है।
सबसे फेमस मैलवेयर: कौन-कौन से हैं टॉप पर?
चेक पॉइंट की रिपोर्ट में कुछ सबसे खतरनाक मैलवेयर का भी जिक्र किया गया है, जिनमें FakeUpdates सबसे अधिक इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसने दुनिया भर के 7% संगठनों को प्रभावित किया है। इसके बाद एंड्रॉक्सघोस्ट ने 6% और फार्मबुक ने 4% संगठनों पर असर डाला है।
मोबाइल पर भी खतरा: जोकर मैलवेयर
सिर्फ कंप्यूटर ही नहीं, बल्कि अब मोबाइल डिवाइस भी AI मैलवेयर के निशाने पर हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि जोकर मैलवेयर इस लिस्ट में सबसे आगे है, जो स्मार्टफोन यूजर्स को भारी नुकसान पहुंचा रहा है। वहीं, रैनसमवेयर की बात करें तो रैनसमहब इस लिस्ट में सबसे टॉप पर है, जिसने वैश्विक स्तर पर शिक्षा और अनुसंधान क्षेत्रों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। इसके बाद सरकार, सेना और हेल्थ केयर सेक्टर भी रैनसमवेयर हमलों का शिकार बने हैं।
कैसे बचें AI आधारित साइबर हमलों से?
- सतर्क रहें: अज्ञात स्रोतों से आने वाली ईमेल और अटैचमेंट्स पर क्लिक न करें।
- मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें और समय-समय पर इसे बदलते रहें।
- एंटी-वायरस और एंटी-मैलवेयर सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें और इसे अपडेट रखें।
- किसी भी संदिग्ध गतिविधि के बारे में तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।