अक्टूबर ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता महीना जानें लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

अक्टूबर का महीना हर साल ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता के लिए समर्पित होता है, जिसमें हम इस जानलेवा बीमारी के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई करते हैं और उन लोगों को सम्मानित करते हैं जो इस बीमारी से प्रभावित हैं। इस महीने, विभिन्न संगठन स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षणों की पहचान, शिक्षा, और समर्थन के महत्व पर जोर देते हैं।

इस साल की थीम: “किसी को भी स्तन कैंसर का सामना अकेले नहीं करना चाहिए”

2024 की जागरूकता थीम पर आधारित है, जो इस बात पर केंद्रित है कि मरीज की देखभाल में नेविगेशन सिस्टम का महत्वपूर्ण योगदान, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ सामाजिक सहायता का महत्व है। यह आवश्यक है कि हर मरीज को इस कठिन समय में अकेला महसूस न हो।

ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती संकेत

हालांकि, इस बीमारी का प्रभाव मुख्य रूप से 40 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाओं पर होता है, लेकिन हाल के दिनों में 25 वर्ष की महिलाओं में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं। घर पर ही इन शुरुआती लक्षणों की पहचान की जा सकती है:

  • ब्रेस्ट के आकार में परिवर्तन: आकार में अचानक बदलाव।
  • गांठ महसूस होना: ब्रेस्ट या उसके आसपास गांठ का होना।
  • बगल में गांठ: केवल ब्रेस्ट में ही नहीं, बल्कि बगल में भी गांठ बन सकती है।
  • त्वचा का रंग बदलना: स्तनों या निप्पल की त्वचा का रंग बदलना।
  • तरल का निकलना: निप्पल से खून या कोई अन्य तरल निकलना।

ब्रेस्ट कैंसर के कारण

ब्रेस्ट कैंसर के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे:

  1. अधिक शराब का सेवन: शराब के सेवन से कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है।
  2. मोटापा: अधिक वजन भी इस बीमारी का एक कारण हो सकता है।
  3. जेनेटिक्स: पारिवारिक इतिहास से भी इसका संबंध होता है।
  4. प्रजनन अवस्था: 12 साल से पहले पीरियड शुरू होना और 30 वर्ष की आयु के बाद गर्भवती होना।
  5. हार्मोनल थेरेपी: हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी और गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग भी जोखिम बढ़ा सकता है।
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ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के उपाय

ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं:

  1. वजन नियंत्रित रखें: स्वस्थ वजन बनाए रखना।
  2. शराब और धूम्रपान से बचें: ये आदतें कैंसर के जोखिम को बढ़ाती हैं।
  3. नियमित व्यायाम करें: प्रतिदिन व्यायाम से शरीर स्वस्थ रहता है।
  4. योग और मेडिटेशन: मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए योग को अपने दैनिक रूटीन में शामिल करें।
  5. संतुलित आहार: फल और सब्जियों से भरपूर संतुलित आहार लें।
  6. हाइड्रेशन: रोजाना 8 से 10 गिलास पानी पिएं।