सिक्किम से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला के पेट में 12 साल से सर्जिकल कैंची छिपी रही। यह मामला चिकित्सा लापरवाही का गंभीर उदाहरण पेश करता है, जो न केवल महिला के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गया, बल्कि इसे लेकर कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं। आइए, जानते हैं इस घटना के बारे में विस्तार से।
2012 में शुरू हुआ दर्द
यह मामला तब शुरू हुआ जब 2012 में एक महिला को पेट में तेज दर्द का सामना करना पड़ा। स्थानीय सर थुतोब नामग्याल मेमोरियल (एसटीएनएम) अस्पताल में जांच के बाद उसे अपेंडिसाइटिस (appendicitis) का पता चला। डॉक्टरों ने सर्जरी की और उसे घर भेज दिया। हालांकि, ऑपरेशन के बाद महिला के पेट में दर्द की समस्या खत्म नहीं हुई।
12 साल तक दर्द का सामना
महिला ने कई डॉक्टरों से सलाह ली और विभिन्न उपचारों का सहारा लिया, लेकिन उसे दर्द से राहत नहीं मिली। यह सिलसिला 12 साल तक चलता रहा। 8 अक्टूबर 2024 को, महिला ने एक बार फिर एसटीएनएम अस्पताल का रुख किया। यहां डॉक्टरों ने उसका एक्सरे किया, तो उन्हें हैरानी हुई—महिला के पेट में सर्जिकल कैंची पाई गई।
ऑपरेशन और स्वास्थ्य स्थिति
महिला को तुरंत अस्पताल में भर्ती किया गया। डॉक्टरों की टीम ने उसका ऑपरेशन किया और पेट से सर्जिकल कैंची निकाल दी। फिलहाल, महिला की स्थिति स्थिर है और वह ठीक हो रही है। डॉक्टर उसकी सेहत पर लगातार निगरानी रख रहे हैं।
पुलिस कर रही है मामले की जांच
स्थानीय पुलिस ने बताया कि फिलहाल महिला ने डॉक्टरों के खिलाफ कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की है। हालांकि, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है। परिजनों से पूछताछ की जा रही है, ताकि इस लापरवाही के पीछे की सच्चाई का पता लगाया जा सके।
चिकित्सा लापरवाही के परिणाम
यह मामला चिकित्सा लापरवाही का गंभीर उदाहरण है, जो यह दर्शाता है कि कैसे एक छोटी सी गलती का परिणाम मरीज के स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकता है। चिकित्सकों को हमेशा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सर्जरी के बाद कोई भी उपकरण या सामग्री मरीज के शरीर में न छूट जाए।