हर साल की तरह इस बार भी दिल्ली का प्रदूषण स्तर तेजी से बढ़ रहा है, और इसका असर अस्थमा मरीजों पर सबसे ज्यादा पड़ता है। अस्थमा के मरीजों के लिए यह मौसम चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि हवा में जहरीले कण (PM2.5, PM10) अस्थमा के लक्षणों को और गंभीर बना सकते हैं। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से बचने और खुद को सुरक्षित रखने के लिए कुछ आसान उपाय अपनाए जा सकते हैं।
अस्थमा और प्रदूषण के बीच क्या है संबंध?
अस्थमा एक श्वसन रोग है, जिसमें सांस की नली में सूजन होती है। प्रदूषित हवा में मौजूद पॉल्यूटेंट्स फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर जाते हैं और अस्थमा के लक्षणों को और खराब कर सकते हैं। दिल्ली का AQI स्तर फिलहाल 334 तक पहुंच चुका है, जो कि बेहद खराब श्रेणी में आता है।
अस्थमा के मरीजों के लिए वायु प्रदूषण के प्रभाव
- सूजन में वृद्धि: PM2.5 और PM10 जैसे प्रदूषक कण फेफड़ों में सूजन बढ़ाते हैं, जिससे खांसी, घरघराहट, और सांस लेने में तकलीफ बढ़ सकती है।
- अस्थमा के हमलों को ट्रिगर करना: ओजोन और पार्टिकुलेट मैटर जैसे पॉल्यूटेंट्स अस्थमा के अचानक हमलों को बढ़ा सकते हैं।
- फेफड़ों की कार्यक्षमता पर असर: लंबे समय तक प्रदूषण में रहने से फेफड़ों की कार्यक्षमता कम हो सकती है, जिससे सांस लेना मुश्किल होता है।
- एलर्जी का बढ़ना: प्रदूषित हवा में मौजूद पराग कण (Pollen) और धूल के कण एलर्जी का खतरा बढ़ा सकते हैं।
- रेस्पिरेटरी इंफेक्शन का खतरा: वायु प्रदूषण के कारण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस होता है, जो श्वसन तंत्र को कमजोर करता है और संक्रमण का कारण बनता है।
अस्थमा के मरीज कैसे रखें खुद को सुरक्षित: 9 जरूरी टिप्स
- AQI चेक करें: घर से बाहर जाने से पहले AQI को ऑनलाइन चेक करें। बहुत खराब AQI के दिनों में बाहर जाने से बचें।
- मास्क पहनें: N95 मास्क बाहर निकलने पर प्रदूषित हवा से बचाव करता है और हानिकारक कणों को रोकता है।
- दवा का नियमित सेवन: इन दिनों अस्थमा के मरीजों को अपनी दवाओं का सेवन नियमित रखना चाहिए और लक्षणों में वृद्धि पर तुरंत इनहेलर का प्रयोग करें।
- इनहेलर हमेशा साथ रखें: इनहेलर को हर समय अपने पास रखें ताकि इमरजेंसी में आसानी से उपयोग कर सकें।
- हाइड्रेशन बनाए रखें: पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि शरीर में नमी बनी रहे और प्रदूषण के असर से बचा जा सके।
- एयर प्योरिफायर का उपयोग करें: घर में भी प्रदूषित हवा हो सकती है, इसलिए एयर प्योरिफायर का इस्तेमाल करके अंदर की हवा को साफ रखें।
- साफ-सफाई का ध्यान रखें: घर में धूल-मिट्टी को न जमने दें। रोजाना सफाई करें ताकि प्रदूषण का असर कम हो।
- बाहर जाने से बचें: कोशिश करें कि इन दिनों बहुत अधिक बाहर न निकलें। सुबह और शाम के समय, जब प्रदूषण स्तर बढ़ता है, बाहर जाने से परहेज करें।
- खिड़की-दरवाजे बंद रखें: घर के खिड़की-दरवाजों को बंद रखें ताकि बाहर का प्रदूषण अंदर न आए।