ग्लोबल मार्केट में स्टारबक्स, नाइक और बोइंग का संघर्ष: क्या ये ब्रांड वापस लौट पाएंगे अपने पुराने गौरव पर?
दुनियाभर में प्रतिष्ठित अमेरिकी ब्रांड्स स्टारबक्स, नाइक और बोइंग, जो कभी अपने-अपने क्षेत्रों में अग्रणी माने जाते थे, आज कड़ी प्रतिस्पर्धा और लगातार घटती बिक्री का सामना कर रहे हैं। ये सभी ब्रांड नई चुनौतियों से घिरे हुए हैं, जिससे इनकी ग्लोबल पहचान पर असर पड़ रहा है। हाल ही में नियुक्त किए गए सीईओ से इन ब्रांड्स को उम्मीद थी कि वे उन्हें नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे, परंतु हाल की बिक्री रिपोर्ट्स ने इनकी चुनौतियों को और अधिक स्पष्ट कर दिया है।
उभरते कॉम्पिटिटर्स से मिल रही कड़ी टक्कर
प्रमुख ब्रांड्स होने के बावजूद, इन कंपनियों को अब नए और उभरते प्रतिस्पर्धी ब्रांड्स से लगातार चुनौती मिल रही है। स्टारबक्स, नाइक, और बोइंग को मार्केट में होका, ऑन और चीनी प्रतिस्पर्धियों से कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ रहा है, जो अपने इनोवेटिव प्रोडक्ट्स और नई तकनीक के साथ तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। यह न केवल इन कंपनियों के मार्केट शेयर पर दबाव डालता है, बल्कि ग्राहकों के बीच ब्रांड की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाता है।
स्टारबक्स: चीन और अमेरिका में सेल्स में गिरावट
स्टारबक्स के लिए 2024 में लगातार तीसरी तिमाही में गिरावट दर्ज की गई है। अमेरिका में जहां बिक्री में 10% की कमी देखी गई, वहीं चीन में यह गिरावट 14% तक पहुंच चुकी है। रिपोर्ट के अनुसार, स्टारबक्स ने अपने वित्तीय मार्गदर्शन को सस्पेंड कर दिया है, जो संकेत देता है कि कंपनी अब नए रणनीतिक तरीकों से खुद को बाजार में फिर से स्थापित करने का प्रयास कर रही है। स्टारबक्स के सामने चुनौती केवल बिक्री की नहीं है, बल्कि बदलते उपभोक्ता पसंद और कॉम्पिटिशन का भी है।
नाइक: शेयर में 25% की गिरावट और स्ट्राइक से नुकसान
नाइक का मार्केट शेयर हाल ही में 25% तक गिरा है, जो कंपनी के लिए एक बड़ा झटका है। अगस्त 2024 में नए सीईओ केली ऑर्टबर्ग के पद संभालने के बाद भी नाइक को अपेक्षित सुधार नहीं मिल सका। एक्सपर्ट्स का मानना है कि नाइक ने अपने जूता निर्माण पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया, जिससे नए ब्रांड्स जैसे होका और ऑन ने बाजार में तेजी से अपनी जगह बनाई। साथ ही, नाइक के कर्मचारी भी पिछले कुछ हफ्तों से हड़ताल पर हैं, जिसके कारण कंपनी को करोड़ों का नुकसान हुआ है। यह परिस्थिति कंपनी की वित्तीय सेहत को सीधे तौर पर प्रभावित कर रही है।
बोइंग: तकनीकी समस्याओं और डिलीवरी में देरी से बढ़ी मुश्किलें
बोइंग, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एयरलाइन उद्योग का एक प्रतिष्ठित नाम है, लगातार अपने उत्पादन में तकनीकी समस्याओं और डिलीवरी में देरी का सामना कर रहा है। इस वजह से न केवल कंपनी की साख को नुकसान हुआ है, बल्कि इसके ग्राहकों का विश्वास भी हिला है। नए नेतृत्व से उम्मीद थी कि ये समस्याएं हल होंगी, लेकिन फिलहाल परिणाम उम्मीद के अनुरूप नहीं रहे हैं।
क्या भविष्य में यह कंपनियां फिर से उठ खड़ी होंगी?
इन ब्रांड्स के सामने चुनौतियां बड़ी हैं, लेकिन एक मजबूत रणनीतिक परिवर्तन के साथ ये कंपनियां अपना पुराना गौरव पुनः प्राप्त कर सकती हैं। नए सीईओ का मुख्य फोकस कंपनी की कमजोरियों को सुधारकर इसे वैश्विक बाजार में नए सिरे से स्थापित करने पर होना चाहिए। उपभोक्ताओं की बदलती पसंद को ध्यान में रखकर प्रोडक्ट इनोवेशन और ग्राहक सेवा में सुधार करना इन कंपनियों के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए।