इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माता स्टार्टअप कंपनियां इस समय ग्राहकों के निशाने पर आ रही हैं, खासकर आफ्टर सेल्स सर्विस की खराब क्वॉलिटी के चलते। सबसे ज्यादा चर्चा का केंद्र बन रही है ओला इलेक्ट्रिक और अब ऐथर एनर्जी भी इसी कतार में शामिल हो गई है। हालिया घटनाक्रम में, ऐथर एनर्जी के इलेक्ट्रिक स्कूटर्स के बारे में ग्राहकों की शिकायतों की बाढ़ आ गई है, जिससे कंपनी की छवि पर बुरा असर पड़ा है।
ग्राहकों की शिकायतें: क्या है समस्या?
सोशल मीडिया पर ऐथर एनर्जी के ग्राहकों ने कई गंभीर समस्याओं की ओर इशारा किया है। इनमें हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर सर्विस, डिलीवरी में देरी, और सर्विसिंग से संबंधित शिकायतें शामिल हैं। हाल ही में, एक ग्राहक ने एक्स प्लेटफॉर्म पर अपनी परेशानियों को साझा किया। उसने बताया कि उसने 14 सितंबर को अपनी स्कूटर की 10,000 ओडोमीटर सर्विसिंग करवाई, लेकिन समस्याएं खत्म नहीं हुईं। ग्राहक ने लिखा, “स्कूटर में कई समस्याएं थीं, और स्टॉक स्पेयर न होने की वजह से ध्यान नहीं दिया गया।”
एक अन्य ग्राहक ने बताया कि उसके 450X मॉडल में थ्रॉटल बंद करने पर अचानक धीमा हो जाता है, जो पहले नहीं होता था। इसी तरह की और भी शिकायतें आई हैं, जहां ग्राहकों ने इंदौर में खराब सर्विस और अहंकारी कर्मचारियों का जिक्र किया है।
कंपनी का जवाब: कार्रवाई की दिशा में कदम
इन शिकायतों के बाद, ऐथर एनर्जी ने एक प्रतिक्रिया जारी करते हुए ग्राहकों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का जल्द समाधान किया जाएगा। कंपनी ने कहा है कि वह ग्राहकों की मदद करने के लिए तत्पर है और उन्हें बेहतर सेवा प्रदान करने का प्रयास कर रही है।
आईपीओ की तैयारी: क्या यह समय सही है?
इन सभी घटनाक्रमों के बीच, ऐथर एनर्जी आईपीओ (इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग) के जरिए पूंजी जुटाने की योजना में है। कंपनी ने सेबी के पास ड्राफ्ट रेट हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल कर दिया है। प्रस्तावित 3,100 करोड़ रुपये के आईपीओ में फ्रेश इश्यू के साथ 2.2 करोड़ शेयरों का ऑफर फॉर सेल शामिल है।
निष्कर्ष: क्या ग्राहक भरोसा करेंगे?
ऐथर एनर्जी की बढ़ती शिकायतों और आईपीओ योजना के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कंपनी अपनी सर्विस में सुधार कर पाएगी और ग्राहकों का विश्वास दोबारा हासिल कर सकेगी। इलेक्ट्रिक स्कूटर का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन यदि कंपनियां अपने आफ्टर सेल्स सर्विस में सुधार नहीं करती हैं, तो उनके लिए बाजार में टिके रहना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।