Google for India 2024 Event के दौरान गूगल ने एक बार फिर भारतीयों के लिए क्रांतिकारी घोषणाएं की हैं। इस बार गूगल ने हेल्थकेयर सेक्टर में ऐसा तोहफा दिया है, जो आने वाले समय में चिकित्सा जगत को एक नई दिशा देगा। गूगल ने अपने AI मॉडल को इतना एडवांस बना दिया है कि अब यह सिर्फ आपकी खांसी की आवाज सुनकर बता सकेगा कि आपको ट्यूबरक्लोसिस (TB) है या नहीं। यह इनोवेशन भारत में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। आइए जानते हैं, गूगल ने इस बार हेल्थ सेक्टर में क्या-क्या बड़ी सौगातें दी हैं।
हेल्थ सेक्टर को नई उड़ान
गूगल ने Google for India 2024 इवेंट में हेल्थ सेक्टर के लिए अपने नए AI मॉडल की घोषणा की, जिससे कैंसर और ट्यूबरक्लोसिस जैसी गंभीर बीमारियों की स्क्रीनिंग करना अब और आसान हो जाएगा। इसके तहत गूगल ने एक ऐसे AI टूल की पेशकश की है, जो सिर्फ खांसी की आवाज सुनकर संभावित TB के बारे में जानकारी देगा। यह तकनीक न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में चिकित्सा सेवाओं को और प्रभावी बनाएगी। गूगल का लक्ष्य आने वाले दशकों में इस सेवा को भारत में मुफ्त में उपलब्ध कराना है, ताकि हर व्यक्ति इसका लाभ उठा सके।
गूगल AI से होगा टीबी का पता
गूगल का नया AI मॉडल ट्यूबरक्लोसिस (TB) की पहचान करने के लिए लोगों की खांसी का विश्लेषण करेगा। यह तकनीक खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद होगी, जो टीबी के लक्षणों को गंभीरता से नहीं लेते हैं। इस तकनीक के जरिए प्रारंभिक अवस्था में ही टीबी की पहचान की जा सकेगी, जिससे समय पर इलाज संभव हो सकेगा।
कैंसर, डायबिटीज और डिप्रेशन के लिए भी मददगार
खांसी से टीबी पहचानने की तकनीक के अलावा, गूगल YouTube के जरिए कैंसर, डायबिटीज और डिप्रेशन जैसी बीमारियों के लिए भी टूल्स बना रहा है। इस तरह के टूल्स स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाएंगे और लोगों को समय रहते अपनी बीमारियों के बारे में जानने और उनका इलाज करवाने का मौका मिलेगा।
गूगल के हेल्थ AI इनोवेशन का विजन
गूगल के ग्लोबल डिजिटल हेल्थ के सीनियर डायरेक्टर बकुल पटेल ने इवेंट में बताया कि गूगल कैसे हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स में AI का इस्तेमाल कर रहा है। उनका कहना है, “हम चाहते हैं कि गूगल के हेल्थ समाधानों का उपयोग अलग-अलग सेटिंग्स और भाषाओं में किया जा सके।” यह AI टूल्स भारत जैसे देश के लिए बेहद जरूरी हैं, जहां विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों के कारण एक समान स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचना मुश्किल होता है।
गूगल की पिछली हेल्थ सेवाएं
गूगल इससे पहले भी हेल्थ सेक्टर में कई महत्वपूर्ण कदम उठा चुका है। YouTube पर स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी का सबसे बड़ा स्रोत बनाना, Android और iOS पर हेल्थ एप्लीकेशंस के जरिए अपडेट्स प्रदान करना, और Pixel स्मार्टवॉच के जरिए हार्ट रेट मॉनिटरिंग जैसी सुविधाएं गूगल के पहले से किए गए प्रयासों का हिस्सा हैं।
टेक्नोलॉजी हुई और भी एडवांस
गूगल की यह नई तकनीक पिछले हेल्थ इनोवेशन्स की तुलना में काफी एडवांस है। अब गूगल डिटेक्शन की मदद से खांसी की आवाज से भी यह जाना जा सकेगा कि व्यक्ति को टीबी है या नहीं। इसके अलावा, भविष्य में कैंसर, डायबिटीज और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं जैसे डिप्रेशन की पहचान के लिए भी AI टूल्स बनाए जाएंगे।
निष्कर्ष: भारतीय हेल्थ सेक्टर को AI से मिलेगी नई दिशा
Google for India 2024 Event में गूगल ने जो घोषणाएं की हैं, वे भारतीय हेल्थ सेक्टर के लिए मील का पत्थर साबित होंगी। गूगल का AI मॉडल, जो खांसी की आवाज से टीबी की पहचान करेगा, हेल्थकेयर में एक नई क्रांति का संकेत है। यह न केवल भारत के दूरदराज के इलाकों में लोगों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में मददगार होगा, बल्कि दुनियाभर में हेल्थकेयर को सुलभ और प्रभावी बनाएगा।
गूगल का यह कदम भारतीय स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है, जहां चिकित्सा और तकनीक का संगम आम लोगों के जीवन को और सुरक्षित और स्वस्थ बनाने की दिशा में काम करेगा।
आने वाले समय में, गूगल का यह इनोवेशन लाखों लोगों की जिंदगियों को बचाने में अहम भूमिका निभाएगा।