Portable Ultrasound Device (PUD), ब्रेस्ट कैंसर की जल्दी पहचान में नया क्रांतिकारी कदम

Portable Ultrasound Device (PUD), ब्रेस्ट कैंसर की जल्दी पहचान में नया क्रांतिकारी कदम

ब्रेस्ट कैंसर की जल्द पहचान महिलाओं की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अब, एक नए और क्रांतिकारी पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड डिवाइस (PUD) के आने से यह काम और भी आसान हो गया है। यह उपकरण, जो आकार में स्मार्टफोन जैसा है, भारत में ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग में अहम भूमिका निभा सकता है। हाल ही में केरल की 44 वर्षीय स्मिता (बदला हुआ नाम) के अनुभव से यह साबित होता है कि इस डिवाइस से शुरुआती स्टेज में ही कैंसर की पहचान संभव है, जिससे गहन उपचार की आवश्यकता कम हो जाती है।

PUD: ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग का आसान और सस्ता तरीका

पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड डिवाइस (PUD) एक अत्यधिक उन्नत तकनीक है, जो पारंपरिक अल्ट्रासाउंड मशीनों की तुलना में छोटा और सस्ता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे कहीं भी ले जाया जा सकता है और इसके द्वारा उच्च गुणवत्ता वाली इमेजिंग की जाती है। इसकी इमेज रेजोल्यूशन बहुत बेहतर है, जिससे संदिग्ध गांठों की सटीक जांच की जा सकती है। यह उपकरण विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए मददगार साबित हो सकता है, जिनमें क्लिनिकल ब्रेस्ट एग्जामिनेशन (CBE) के दौरान किसी असामान्यता का संदेह होता है।

PUD से अनावश्यक बायोप्सी से बचा जा सकता है

IARC के अर्ली डिटेक्शन और प्रिवेंशन विशेषज्ञ डॉ. पार्थ बसु के अनुसार, “PUD से तुरंत स्क्रीनिंग कर संदिग्ध गांठों की पहचान करना आसान हो जाता है। इससे न केवल अनावश्यक बायोप्सी और अतिरिक्त खर्च से बचा जा सकता है, बल्कि महिलाओं के मानसिक तनाव को भी कम किया जा सकता है।”

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ब्रेस्ट कैंसर की जल्दी पहचान क्यों महत्वपूर्ण है?

भारत में हर साल लगभग 1.8 लाख नए ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने आते हैं, जो महिलाओं में सबसे सामान्य कैंसर है। ब्रेस्ट कैंसर की जल्दी पहचान से इलाज के परिणाम अधिक सकारात्मक होते हैं। मालाबार कैंसर केयर सोसाइटी के संस्थापक डी. कृष्णनाधा पाई के अनुसार, “ब्रेस्ट कैंसर की जल्दी पहचान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि शुरुआती चरणों में यह अधिक प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है, जिससे गहन चिकित्सा की जरूरत नहीं होती।”

पायलट स्टडी: PUD का प्रभावी उपयोग

हाल ही में एक पायलट स्टडी के दौरान 4,943 महिलाओं की जांच की गई, जिनमें से 242 में CBE पॉजिटिव पाया गया। PUD इमेजिंग द्वारा इन महिलाओं में से 33 मामलों में ब्रेस्ट कैंसर की पहचान की गई। इस अध्ययन ने यह साबित किया कि PUD ने किसी भी कैंसर के मामले को मिस नहीं किया, जो इस तकनीक की सटीकता को दर्शाता है।

CBE की फॉल्स पॉजिटिव दर से बचाव

क्लिनिकल ब्रेस्ट एग्जामिनेशन (CBE) में गलत सकारात्मक परिणामों की दर काफी अधिक होती है। इसके कारण कई महिलाओं को अनावश्यक परीक्षणों और मानसिक तनाव से गुजरना पड़ता है। PUD का उपयोग इस स्थिति में मददगार साबित होता है, क्योंकि यह तुरंत सही परिणाम देता है और अनावश्यक जांच से बचाता है।

क्या भारत में PUD उपलब्ध है?

वर्तमान में, यह डिवाइस भारत में पूरी तरह से उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसके परीक्षण चल रहे हैं। लगभग 6 लाख रुपये की लागत वाले इस डिवाइस का भविष्य में व्यापक उपयोग हो सकता है, जिससे ब्रेस्ट कैंसर की जल्द पहचान में मदद मिलेगी।

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निष्कर्ष: महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव

पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड डिवाइस (PUD) महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है, खासकर कम आय वाले क्षेत्रों में जहां मैमोग्राफी की सुविधा सीमित है। अगर यह डिवाइस सफलतापूर्वक लागू होता है, तो ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग और इलाज में क्रांतिकारी सुधार देखने को मिल सकता है।