डायबिटीज एक तेजी से बढ़ती हुई लाइफस्टाइल डिजीज है, जो व्यक्ति की जीवनशैली और खानपान पर गहरा असर डालती है। चाहे शुगर की बीमारी के लिए कितनी भी दवाएं आ जाएं, हम भारतीयों का घरेलू नुस्खों पर भरोसा कभी कम नहीं होता। आयुर्वेदिक चीजों का सेवन हमेशा से स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता रहा है, लेकिन कुछ चीजें डायबिटीज के मरीजों के लिए नुकसानदेह हो सकती हैं, खासतौर पर जब इन्हें दवाओं के साथ लिया जाता है। आइए जानते हैं उन तीन आयुर्वेदिक चीजों के बारे में, जिनका सेवन शुगर के मरीजों को सतर्कता से करना चाहिए।
1. एलोवेरा जूस: फायदे से ज्यादा नुकसान?
एलोवेरा को आयुर्वेद में कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उपयोगी माना गया है। कई हेल्थ एक्सपर्ट्स शुगर कंट्रोल के लिए एलोवेरा जूस पीने की सलाह देते हैं। हालांकि, डॉक्टरों के अनुसार, डायबिटीज की दवाओं के साथ इसका सेवन करने से हाइपोग्लाइसिमिया हो सकता है। यह वह स्थिति है, जब खून में शुगर लेवल बहुत कम हो जाता है, जो कि सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए, अगर आप शुगर की दवाएं ले रहे हैं, तो एलोवेरा जूस पीने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
2. जिनसेंग: आयुर्वेदिक पौधा, लेकिन साइड इफेक्ट्स के साथ
जिनसेंग एक आयुर्वेदिक पौधा है, जिसका उपयोग चीन में पारंपरिक दवाओं में होता आया है। यह पौधा अपने औषधीय गुणों के लिए मशहूर है और इसे शुगर लेवल नियंत्रित करने में कारगर माना जाता है। हालांकि, जिनसेंग का सेवन अगर शुगर की दवाओं के साथ किया जाए, तो यह भी हाइपोग्लाइसिमिया का कारण बन सकता है। इसलिए, डायबिटीज के मरीजों को जिनसेंग लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
3. दालचीनी: शुगर के साथ नहीं
दालचीनी को अक्सर डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद बताया जाता है। चीनी की जगह दालचीनी पाउडर का इस्तेमाल करना एक लोकप्रिय घरेलू नुस्खा है। हालांकि, कुछ प्रकार की दालचीनी, जैसे कैसिया दालचीनी, शुगर की दवाओं के साथ लेने से सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। यह शरीर में शुगर लेवल को इतना कम कर सकती है कि व्यक्ति की हालत बिगड़ सकती है। इसलिए, दालचीनी को डायबिटीज की दवाओं के साथ लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
इन चीजों से कैसे होगा नुकसान?
इन आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स का सेवन शुगर कंट्रोल में कारगर हो सकता है, लेकिन इन्हें शुगर की दवाओं के साथ लेने से शरीर में हाइपोग्लाइसिमिया यानी खून में शुगर की अत्यधिक कमी हो सकती है। शुगर का बहुत कम होना भी शरीर के लिए हानिकारक है, क्योंकि शरीर को सही मात्रा में शुगर की जरूरत होती है। हाइपोग्लाइसिमिया से थकान, चक्कर आना, कमजोरी और यहां तक कि बेहोशी भी हो सकती है।
निष्कर्ष
डायबिटीज के मरीजों को किसी भी प्रकार की आयुर्वेदिक चीजों का सेवन करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए, खासकर तब जब वे शुगर की दवाएं ले रहे हों। एलोवेरा जूस, जिनसेंग और कैसिया दालचीनी जैसी चीजों का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना बहुत जरूरी है। यह आपके शुगर लेवल को असंतुलित कर सकता है और सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करते समय सतर्कता बरतें और अपनी सेहत का ख्याल रखें।
क्या आप भी शुगर कंट्रोल के लिए आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल करते हैं? अपने अनुभव हमसे जरूर साझा करें!