स्वास्थ्य का ध्यान रखना हर इंसान के लिए जरूरी है, क्योंकि गलत आदतें और खानपान की लापरवाही खतरनाक बीमारियों का कारण बन सकती हैं। लेकिन जब ऐसी भयानक बीमारी मासूम बच्चों को अपनी चपेट में ले, तो एक मां के दर्द की कल्पना करना भी मुश्किल हो जाता है। क्लेयर नाम की एक महिला के साथ कुछ ऐसा ही हुआ, जब उनकी दोनों मासूम बेटियों को कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी ने घेर लिया। ये कहानी उन बहादुर बच्चियों और उनकी मां की है, जिनकी जंग ने सभी को झकझोर दिया।
पहली बेटी: कैया की कैंसर से जंग
क्लेयर की पहली बेटी, कैया, जो आज 5 साल की है, उसे जन्म के कुछ महीनों बाद ही किडनी कैंसर का पता चला। कैया महज 5 महीने की थी जब उसके पेट में असामान्य सूजन देखी गई। जांच के बाद यह खुलासा हुआ कि उसे किडनी में ट्यूमर है। यह सुनते ही क्लेयर का दिल टूट गया और वह खुद को असहाय महसूस करने लगीं। उन्हें अपने मासूम बच्चे को कीमोथेरेपी की कठिन प्रक्रिया से गुजरते हुए देखना पड़ा। सर्जरी के दौरान कैया के ज्यादातर गुर्दे निकाल दिए गए, और उसकी हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती चली गई।
दूसरी बेटी: मैगी की जिंदगी की जंग
जब क्लेयर अपनी पहली बेटी कैया के इलाज में व्यस्त थीं, तभी उन्होंने दूसरी बेटी मैगी मै को जन्म दिया। दुख की बात यह थी कि मैगी, जो पहले से ही डाउन सिंड्रोम से पीड़ित थी, उसे भी कैंसर का पता चला। मैगी को तुरंत वेंटिलेटर पर रखना पड़ा, और अगली सुबह डॉक्टरों ने पुष्टि की कि मैगी को भी कैंसर है। उस वक्त क्लेयर और उनके परिवार पर जैसे मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। लेकिन मैगी ने भी हार नहीं मानी और कीमोथेरेपी का सामना किया। हालांकि वह बहुत कमजोर हो गई थी, लेकिन उसने अपनी जिंदगी के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी और आखिरकार जीत हासिल की।
एक मां का संघर्ष और सवाल
क्लेयर के लिए यह स्थिति हर रोज सवालों से भरी होती थी। वह खुद से पूछती, “मेरे बच्चों के साथ ही ऐसा क्यों हुआ?” इन दोनों मासूम बच्चियों को एक ही समय में कैंसर होने की घटना ने क्लेयर के जीवन को पूरी तरह बदल दिया। एक मां होने के नाते अपनी बेटियों की हालत को देखते हुए उनके दिल पर क्या गुजरी होगी, यह समझ पाना बेहद कठिन है।
क्या है सीख?
यह कहानी केवल दर्द और संघर्ष की नहीं है, बल्कि यह उन सभी माता-पिता के लिए प्रेरणा है, जो अपने बच्चों के लिए हर कठिनाई का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। कैया और मैगी ने कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का सामना किया, लेकिन उनकी जिजीविषा और उनके परिवार की अटूट हिम्मत ने उन्हें जिंदा रखा।
यह कहानी हम सभी को सिखाती है कि मुश्किलें कितनी भी बड़ी क्यों न हों, उम्मीद और बहादुरी से उनका सामना किया जा सकता है।