पुरानी कार खरीदते समय ऐसे बचें चोरी की गाड़ी से, वरना पड़ सकता है पछताना

पुरानी कार खरीदते समय ऐसे बचें चोरी की गाड़ी से, वरना पड़ सकता है पछताना

भारत में कार चोरी की घटनाएं नई नहीं हैं। आए दिन पुलिस कार चोरों के गिरोह का पर्दाफाश करती रहती है, और हाल ही में दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे ही गिरोह को पकड़ा है जो चोरी की गाड़ियों को Cars24 और Cardekho जैसी बड़ी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बेच रहे थे। इस घटना ने फिर से पुरानी कार खरीदने वाले ग्राहकों को सतर्क रहने की जरूरत पर जोर दिया है। अगर आप भी एक सेकंड-हैंड कार खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि कहीं आप चोरी की कार तो नहीं खरीद रहे। यहां हम आपको कुछ आसान तरीके बताएंगे जिससे आप चोरी की कार का पता लगा सकते हैं और खुद को कानूनी पचड़ों से बचा सकते हैं।

1. M परिवहन ऐप: चोरी की गाड़ी पहचानने का आसान तरीका

किसी भी पुरानी गाड़ी को खरीदने से पहले उसका इतिहास चेक करना बहुत जरूरी है। इसके लिए सबसे आसान तरीका है M परिवहन ऐप। यह ऐप आपको गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर उसकी पूरी जानकारी देता है।

ऐसे करें इस्तेमाल:

  1. गूगल प्ले स्टोर से M परिवहन ऐप को डाउनलोड करें।
  2. ऐप को खोलें और रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज करें।
  3. इसके बाद, गाड़ी की पूरी डिटेल आपके सामने आ जाएगी, जैसे- मालिक का नाम, इंश्योरेंस की वैधता, फिटनेस सर्टिफिकेट, और अन्य कानूनी जानकारी। अगर गाड़ी चोरी की होगी तो यह जानकारी ऐप में अपडेट नहीं होगी या संदिग्ध डिटेल्स दिखेगी।

2. चोरी की गाड़ी का पता लगाने के लिए VAHAN वेबसाइट

पुरानी गाड़ी खरीदते समय VAHAN वेबसाइट भी आपकी मदद कर सकती है। यह वेबसाइट गाड़ी के रजिस्ट्रेशन की डिटेल्स और इसके मालिक से जुड़ी जानकारी को प्रदर्शित करती है।

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ऐसे करें इस्तेमाल:

  1. VAHAN वेबसाइट (https://vahan.parivahan.gov.in/) पर जाएं।
  2. रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज करें।
  3. यहां से आप गाड़ी की कानूनी स्थिति की जानकारी पा सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि गाड़ी चोरी की तो नहीं है।

3. RC और अन्य दस्तावेज़ों की अच्छी तरह से जांच करें

किसी भी पुरानी कार को खरीदते समय उसके रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC), इंश्योरेंस पेपर्स, और पोल्युशन सर्टिफिकेट की जांच करें। अगर दस्तावेजों में कोई गड़बड़ी या अधूरी जानकारी है, तो हो सकता है कि गाड़ी चोरी की हो।

  • रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की चेसिस और इंजन नंबर को गाड़ी के असली चेसिस और इंजन नंबर से मिलाएं।
  • गाड़ी के दस्तावेज़ों में किसी अन्य व्यक्ति का नाम या पुराना मालिक दर्शाया जा सकता है, तो सुनिश्चित करें कि वह नाम सही हो।

4. ओनलाइन प्लेटफॉर्म्स से खरीदते समय रहें सतर्क

Cars24 और CarDekho जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर पुरानी कारें खरीदना आम बात हो गई है, लेकिन चोरी की गाड़ियों के बेचने की घटनाएं सामने आने के बाद ग्राहकों को और भी ज्यादा सतर्क रहना होगा।

  • कार की पूरी वेरिफिकेशन रिपोर्ट जरूर मांगें।
  • खरीदने से पहले डीलरशिप की जांच करें और वेबसाइट से संबंधित रिव्यू पढ़ें।
  • किसी विश्वसनीय व्यक्ति या मकेनिक से कार की पूरी चेकिंग करवा लें।

5. पुलिस वेरिफिकेशन: आखिरी और सबसे कारगर कदम

अगर आपको कार के दस्तावेज़ों में कुछ भी संदेहजनक लगता है, तो आप अपनी स्थानीय पुलिस स्टेशन में जाकर कार की वेरिफिकेशन करवा सकते हैं। पुलिस के पास गाड़ियों के चोरी होने की पूरी रिपोर्ट होती है और वे आपको यह सुनिश्चित करने में मदद करेंगे कि आप सुरक्षित कार खरीद रहे हैं।

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निष्कर्ष: सतर्कता ही सुरक्षा की कुंजी है

पुरानी कार खरीदना एक समझदारी भरा फैसला हो सकता है, लेकिन अगर थोड़ी सी भी लापरवाही बरती जाए तो यह आपके लिए बड़ा कानूनी सिरदर्द बन सकता है। इसलिए, पुरानी गाड़ी खरीदते समय पूरी तरह से सतर्क रहें और ऊपर बताए गए तरीकों का पालन करें। चोरी की गाड़ी खरीदने से बचने के लिए M परिवहन ऐप और VAHAN वेबसाइट जैसे टूल्स का इस्तेमाल करें। अगर आपको गाड़ी के इतिहास पर संदेह है, तो बिना जांच-पड़ताल के किसी सौदे को पक्का न करें।