एप्पल के प्रोडक्ट्स, खासकर iPhones, दुनियाभर में बेहद पसंद किए जाते हैं, और भारत में भी इनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। हर साल एप्पल नए iPhones लॉन्च करता है, और लोग इन्हें ईएमआई और अन्य पेमेंट मोड्स के जरिए खरीदते हैं। भारत में Apple ने अपने दो स्टोर्स दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में खोले हैं, और यह स्पष्ट है कि कंपनी यहां बढ़ती मांग का लाभ उठाने के लिए तैयार है।
अब, एप्पल ने भारत में अपने लेटेस्ट मॉडल्स iPhone 16 Pro और iPhone 16 Pro Max का निर्माण शुरू किया है, जिसे फॉक्सकॉन (Foxconn) के प्लांट में तैयार किया जा रहा है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या ‘मेड इन इंडिया’ आईफोन सस्ता होगा? आइए इस लेख में हम विस्तार से समझते हैं कि भारत में बने आईफोन की कीमत कम क्यों नहीं है, और इसकी वजह क्या है।
भारत में क्यों हो रहा है iPhone का निर्माण?
Apple ने भारत में iPhone निर्माण की शुरुआत तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में की, जहां सबसे पहले iPhone 14, iPhone 14 Plus, iPhone 15 और iPhone 15 Plus का निर्माण हुआ। अब कंपनी ने अपने लेटेस्ट फ्लैगशिप मॉडल्स iPhone 16 Pro और iPhone 16 Pro Max को भी भारत में बनाना शुरू कर दिया है। Apple का यह कदम भारतीय बाजार में अपने पैर और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
मेड इन इंडिया iPhone: क्या यह सस्ता होगा?
अगर आप सोच रहे हैं कि भारत में बने iPhones की कीमत कम होगी, तो आपको यह जानकर निराशा हो सकती है कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। iPhone 15 और iPhone 15 Plus, जो भारत में बने थे, उनकी कीमत भी सस्ती नहीं थी। यहां तक कि ‘मेड इन इंडिया’ iPhone 16 Pro और iPhone 16 Pro Max भी महंगे ही रहेंगे।
भारत में iPhone महंगा क्यों है?
भारत में iPhone का निर्माण होने के बावजूद इसकी कीमत ज्यादा होने के पीछे कुछ मुख्य कारण हैं:
- पार्ट्स की आयात लागत: iPhone के चिपसेट, कैमरा सेंसर, और अन्य महत्वपूर्ण पार्ट्स भारत में नहीं बनते। इन पार्ट्स को अलग-अलग देशों से आयात करना पड़ता है, जो फोन की लागत को बढ़ा देता है।
- टैक्स और शुल्क: भारत में आयातित पार्ट्स पर टैक्स और अन्य शुल्क लगते हैं, जिससे प्रोडक्ट की कुल लागत बढ़ जाती है।
- मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट: भारत में फॉक्सकॉन जैसी कंपनियां iPhone असेंबल करती हैं, लेकिन इस असेंबली प्रक्रिया में भी खर्चे होते हैं जो फोन की कीमत में जुड़ जाते हैं।
- GST और अन्य टैक्स: भारत में GST (Goods and Services Tax) भी iPhones की कीमत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये टैक्स फोन की बेस कीमत पर जुड़ते हैं, जिससे प्रोडक्ट महंगा हो जाता है।
दुबई और थाईलैंड में iPhones सस्ते क्यों हैं?
दुबई और थाईलैंड जैसे देशों में iPhones की कीमतें भारत की तुलना में कम होती हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि इन देशों में टैक्स और ड्यूटी चार्जेज कम होते हैं। इसके अलावा, पार्ट्स की उपलब्धता और कम आयात शुल्क के कारण वहां कीमतें सस्ती होती हैं।
भारत में iPhone की बढ़ती मांग और एप्पल की रणनीति
हालांकि, भारतीय बाजार में iPhones की कीमत ज्यादा है, लेकिन इसकी डिमांड लगातार बढ़ रही है। Apple यह जानता है कि भारत में iPhone का एक बड़ा संभावित बाजार है। इसलिए कंपनी ने यहां अपनी मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी बढ़ाने और अधिक स्थानीय निर्माण की दिशा में कदम उठाए हैं। इसके साथ ही, Apple ने भारत में अपने दो प्रीमियम स्टोर्स भी खोले हैं, जो भारतीय उपभोक्ताओं के लिए ब्रांड की पहुंच को और बढ़ाते हैं।
निष्कर्ष: ‘मेड इन इंडिया’ iPhone की कीमत सस्ती क्यों नहीं होती?
भारत में बने iPhones की कीमत सस्ती नहीं होगी, क्योंकि इसके निर्माण के बावजूद पार्ट्स की आयात लागत, टैक्स और मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट में वृद्धि होती है। हालाँकि, भारत में निर्माण होने से भविष्य में iPhones की कीमतें थोड़ी कम हो सकती हैं, लेकिन मौजूदा स्थिति में भारतीय बाजार में iPhones महंगे ही मिलते हैं।
यदि आप भी एक iPhone खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो जान लें कि ‘मेड इन इंडिया’ टैग इसका मूल्य कम नहीं करेगा, लेकिन यह जरूर है कि Apple भारतीय बाजार में अपनी जड़ें और मजबूत करने के लिए तत्पर है।