दुनियाभर में कोलन कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, और एक नई रिसर्च ने इस समस्या को और भी चिंताजनक बना दिया है। जहां पहले इस बीमारी को 50 से अधिक उम्र के लोगों की समस्या माना जाता था, वहीं अब यह युवाओं को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानने में देरी के कारण यह कैंसर अक्सर तब तक पकड़ में नहीं आता, जब तक कि यह पूरी तरह फैल नहीं जाता। आइए जानते हैं कि कोलन कैंसर के लक्षण, इसके बढ़ने के कारण और इससे बचाव के उपाय क्या हैं।
कोलन कैंसर की रिसर्च: युवाओं में बढ़ती समस्या
ताइवान के चांग गंग मेमोरियल अस्पताल में हुई रिसर्च में 5,000 से अधिक कोलन कैंसर के मरीजों पर अध्ययन किया गया। इस शोध में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि 50 से कम उम्र के लोगों में इस बीमारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इन मरीजों में से 60% को मलाशय में ब्लीडिंग की समस्या का सामना करना पड़ा, जबकि 50 से ज्यादा उम्र के लोगों में यह आंकड़ा इससे काफी कम था। इसके अलावा, युवा मरीजों ने शौच की आदतों में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखे, जो कि बुजुर्ग मरीजों में कम थे।
कोलन कैंसर क्या है?
कोलन कैंसर पाचन तंत्र की बड़ी आंत, यानी कोलन की अंदरूनी परत में शुरू होने वाला कैंसर है। इसे गैस्ट्रिक कैंसर भी कहा जाता है। यह कैंसर धीरे-धीरे पेट के अंदर बढ़ने लगता है और अगर समय पर इसका पता न चले, तो यह पेट के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है। हालांकि, शरीर कुछ शुरुआती संकेत देता है, जिन पर ध्यान देकर इसे शुरुआती चरणों में ही रोका जा सकता है।
युवाओं में क्यों तेजी से बढ़ रहा है कोलन कैंसर?
कोलन कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी के पीछे सबसे बड़ा कारण आजकल की अस्वस्थ जीवनशैली है। डॉक्टरों का मानना है कि ज्यादा रेड मीट, प्रोसेस्ड फूड, और शराब का सेवन इस बीमारी को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। इसके अलावा, ज्यादा एंटीबायोटिक्स का उपयोग भी जोखिम बढ़ा सकता है। फैमिली हिस्ट्री और मोटापा (ओबेसिटी) भी इस बीमारी के होने के जोखिम को बढ़ाने वाले कारक हैं।
कोलन कैंसर के शुरुआती लक्षण
इस कैंसर के शुरुआती संकेतों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। कुछ महत्वपूर्ण लक्षणों में शामिल हैं:
- मल में खून आना
- शौच की आदतों में बदलाव
- पेट में लगातार दर्द या असहजता
- पेट का फूलना
- वजन में तेजी से कमी आना
- उल्टी और मतली
- लगातार थकान महसूस करना
- सांस फूलना
इन लक्षणों को पहचानना और समय पर जांच करवाना बहुत जरूरी है, खासकर अगर ये लक्षण लगातार बने रहें।
कोलन कैंसर से बचाव के उपाय
कोलन कैंसर से बचाव के लिए हमें अपनी जीवनशैली और आहार में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने की जरूरत है। यहां कुछ उपाय दिए जा रहे हैं जो इस कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं:
- शौच की आदतों में बदलाव पर ध्यान दें
अगर आपकी शौच की आदतों में लगातार बदलाव हो रहा है या पेट में किसी भी तरह की समस्या बनी रहती है, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं। - स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करें
फाइबर युक्त भोजन, हरी सब्जियां, फल और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ को अपने आहार में शामिल करें। रेड मीट और प्रोसेस्ड फूड से बचें। - नियमित व्यायाम करें
रोजाना कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। इससे न केवल वजन नियंत्रण में रहेगा बल्कि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी। - वजन नियंत्रित रखें
मोटापा कोलन कैंसर का एक प्रमुख कारण है, इसलिए अपने वजन को संतुलित रखना जरूरी है। - धूम्रपान और शराब का सेवन न करें
धूम्रपान और अधिक शराब का सेवन न सिर्फ कोलन कैंसर बल्कि अन्य गंभीर बीमारियों का भी कारण बन सकता है।
निष्कर्ष
कोलन कैंसर की समस्या युवाओं में तेजी से बढ़ रही है और यह स्थिति चिंताजनक है। अस्वस्थ जीवनशैली, अनियमित खानपान और अव्यवस्थित दिनचर्या इसके मुख्य कारण हो सकते हैं। इस कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचानकर और समय पर जांच करवाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और सही दिनचर्या को अपनाकर आप इस बीमारी से काफी हद तक बच सकते हैं।
अपने शरीर के संकेतों को नजरअंदाज न करें और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर कैंसर से दूर रहें।