हाल ही में बिहार के पटना में एक नए वायरल बुखार, जिसे लंगड़ा बुखार कहा जा रहा है, के मामलों में तेजी आई है। हैरानी की बात यह है कि इसकी जांच में न तो डेंगू और न ही चिकनगुनिया के लक्षण पाए जा रहे हैं, फिर भी इसके लक्षण इन दोनों बीमारियों से मिलते-जुलते हैं। इस बुखार का मुख्य कारण मच्छरों का काटना माना जाता है, और यह विशेषकर उन क्षेत्रों में फैल रहा है जहां पहले से ही डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं।
लंगड़ा बुखार क्या है?
लंगड़ा बुखार एक मच्छर जनित बीमारी है, जिसे एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस प्रजाति के मच्छरों द्वारा फैलाया जाता है। यह बुखार मुख्यतः गर्म और आद्र मौसम में फैलता है, जो भारत के कुछ हिस्सों, विशेष रूप से बिहार में अधिक सक्रिय हो जाता है। यह बीमारी स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि इसके लक्षण और प्रभाव चिकनगुनिया के समान हैं।
लंगड़ा बुखार के लक्षण
लंगड़ा बुखार के प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:
- तेज बुखार: अचानक से तेज बुखार आना, जो 102 डिग्री तक पहुंच सकता है।
- जोड़ों में दर्द: हाथों और पैरों में गंभीर दर्द और सूजन महसूस होना।
- सिर में दर्द: सिर में तेज दर्द के साथ-साथ मांसपेशियों में दर्द और खिंचाव भी हो सकता है।
- चलने में दिक्कत: इस बीमारी का सबसे प्रमुख लक्षण पैरों में दर्द और चलने में परेशानी होना है, जिसके कारण कुछ लोग लंगड़ाकर चलने लगते हैं।
- थकान और कमजोरी: बीमारी के दौरान शरीर में थकान और कमजोरी भी महसूस हो सकती है।
लंगड़ा बुखार से बचाव के उपाय
इस बीमारी से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
- हाइड्रेशन: पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर शरीर को हाइड्रेट रखें। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
- सुरक्षित कपड़े पहनें: मच्छरों से बचने के लिए पूरी बाजू के कपड़े और फुल पैंट्स पहनें।
- मच्छर रोधी क्रीम: मॉस्किटो रेपेलेंट क्रीम का उपयोग करें।
- स्वच्छता बनाए रखें: अपने घर के आसपास इकट्ठा पानी को साफ करें, ताकि मच्छरों के प्रजनन के लिए कोई जगह न मिले।
- स्वास्थ्य पर ध्यान दें: यदि आपको बुखार या पैरों में किसी प्रकार की समस्या महसूस हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।