पिछले कुछ सालों में हार्ट डिजीज के मामलों में बेतहाशा वृद्धि देखी गई है, और अब तो कम उम्र के लोगों को भी हार्ट अटैक आ रहा है। बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल और खराब खानपान इसके प्रमुख कारण हैं। लेकिन हाल की रिसर्च ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है – कोलेस्ट्रॉल लेवल नॉर्मल होने के बाद भी हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है।
अगर आप भी सोचते हैं कि केवल कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करके आप हार्ट अटैक से बच सकते हैं, तो यह धारणा सही नहीं है। आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह और दिल को स्वस्थ रखने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल और हार्ट अटैक का क्या संबंध है?
कोलेस्ट्रॉल एक आवश्यक पदार्थ है जो शरीर में कोशिकाओं का निर्माण और हार्मोन बनाने में मदद करता है। लेकिन जब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बहुत ज्यादा हो जाता है, खासतौर पर LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल), तो यह रक्त धमनियों में जमा हो सकता है। इससे धमनियां संकुचित हो जाती हैं और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
हालांकि, नई रिसर्च के अनुसार, केवल कोलेस्ट्रॉल नॉर्मल होने से हार्ट अटैक का खतरा कम नहीं हो जाता। इसका मुख्य कारण यह है कि हार्ट अटैक के कई अन्य कारक भी होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल से जुड़े नहीं होते।
हार्ट अटैक के अन्य कारण
हार्ट अटैक के कई कारण हो सकते हैं, जो केवल कोलेस्ट्रॉल पर निर्भर नहीं करते। कुछ प्रमुख कारणों में शामिल हैं:
- हाई ब्लड प्रेशर: अनियंत्रित रक्तचाप हृदय पर दबाव डालता है और धमनियों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे दिल का दौरा पड़ सकता है।
- डायबिटीज: उच्च रक्त शर्करा भी धमनियों में प्लाक का निर्माण कर सकता है, जिससे ब्लड फ्लो बाधित होता है।
- मोटापा: अधिक वजन होने से हृदय पर दबाव बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
- तनाव: लंबे समय तक मानसिक तनाव हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है, जिससे अचानक हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
- फैमिली हिस्ट्री: अगर परिवार में किसी को दिल की बीमारी रही है, तो आपका रिस्क भी बढ़ जाता है।
हार्ट अटैक के शुरुआती संकेत
हार्ट अटैक अचानक से हो सकता है, लेकिन इसके पहले कुछ संकेत शरीर में दिखाई देते हैं। अगर इन संकेतों पर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो स्थिति गंभीर हो सकती है:
- छाती में दर्द या भारीपन: ये सबसे सामान्य संकेत है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
- बाएं कंधे और हाथों में दर्द: हार्ट अटैक के दौरान अक्सर बाएं कंधे और हाथों में दर्द महसूस होता है।
- अत्यधिक पसीना आना: बिना किसी शारीरिक गतिविधि के अत्यधिक पसीना आना एक संकेत हो सकता है।
- जबड़े में दर्द: कुछ मामलों में जबड़े में दर्द भी हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है।
- बैचेनी और घबराहट: दिल के दौरे से पहले कुछ लोग अत्यधिक घबराहट या बैचेनी महसूस करते हैं।
हार्ट अटैक से बचाव के तरीके
हार्ट अटैक से बचने के लिए आपको अपनी जीवनशैली और खानपान में बदलाव करना जरूरी है। कुछ आसान उपाय जिनसे आप दिल की बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं:
- हेल्दी कोलेस्ट्रॉल स्तर बनाए रखें: फाइबर युक्त भोजन खाएं और अनहेल्दी फैट से बचें।
- रोजाना एक्सरसाइज करें: 30 मिनट की रोजाना वॉक या किसी भी शारीरिक गतिविधि से आपका दिल स्वस्थ रहेगा।
- तनाव को कम करें: मेडिटेशन या योग के जरिए तनाव से राहत पाएं।
- संतुलित आहार लें: ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और हेल्दी फैट का सेवन करें।
- स्मोकिंग से बचें: धूम्रपान हृदय के लिए सबसे बड़ा खतरा है, इसे तुरंत छोड़ें।
निष्कर्ष
कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सामान्य बनाए रखना जरूरी है, लेकिन सिर्फ इसी से आप हार्ट अटैक के खतरे से बच नहीं सकते। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, नियमित एक्सरसाइज और तनाव कम करके ही आप हृदय रोगों से बच सकते हैं। साथ ही, हार्ट अटैक के शुरुआती संकेतों को नजरअंदाज न करें और समय-समय पर अपने हृदय की जांच करवाते रहें।
आपका दिल आपकी सबसे कीमती संपत्ति है, इसे सुरक्षित रखना आपकी जिम्मेदारी है!