भारतीय मोबाइल रिटेलर्स के संगठन ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन (AIMRA) ने हाल ही में चीनी स्मार्टफोन कंपनियों OnePlus, iQOO, और Poco पर गंभीर आरोप लगाए हैं और इनके लाइसेंस रद्द करने की मांग की है। यह मुद्दा अब केन्द्रीय कॉमर्स मंत्री पीयूष गोयल और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष उठाया गया है। AIMRA का दावा है कि ये कंपनियां एंटी-कॉम्पिटिटिव प्रैक्टिस अपनाकर भारतीय व्यापार प्रणाली और लोकल व्यवसायों को नुकसान पहुँचा रही हैं।
AIMRA की शिकायत: लाइसेंस रद्द करने की मांग क्यों?
AIMRA के संस्थापक और अध्यक्ष कैलाश लख्यानी का कहना है कि OnePlus, iQOO और Poco जैसी चीनी कंपनियां ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों जैसे अमेजन के साथ विशेष समझौते कर रही हैं, जिससे खुदरा स्टोरों को उनके उत्पाद बेचने से वंचित किया जा रहा है। यह स्थिति स्थानीय खुदरा विक्रेताओं के लिए घातक साबित हो रही है और उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
कैलाश लख्यानी ने यह भी बताया कि हाल ही में आई CCI (Competition Commission of India) की रिपोर्ट में इन कंपनियों द्वारा अपनाई जा रही एंटी-कॉम्पिटिटिव प्रैक्टिस का खुलासा हुआ है। बावजूद इसके, ये कंपनियां ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के साथ विशेष तौर पर काम करना जारी रख रही हैं, जो भारत की निष्पक्ष व्यापार प्रणाली का उल्लंघन है।
चीनी कंपनियों पर क्यों लग रहा है आरोप?
AIMRA का आरोप है कि चीनी कंपनियां OnePlus, iQOO, और Poco अपने उत्पादों को सिर्फ ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर उपलब्ध कराकर स्थानीय रिटेलर्स के साथ असमान व्यवहार कर रही हैं।
जिन कंपनियों की AIMRA ने शिकायत की है:
- OnePlus: ओप्पो की सहायक कंपनी, चीनी ब्रांड
- iQOO: विवो का उप-ब्रांड, चीनी कंपनी
- Poco: Xiaomi की सहायक कंपनी, चीनी ब्रांड
AIMRA की मांग: लोकल व्यापारियों की सुरक्षा
AIMRA ने इन कंपनियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए सरकार से अपील की है। संगठन का मानना है कि इन कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर देना चाहिए क्योंकि वे भारत के लोकल कारोबारियों को नुकसान पहुँचा रही हैं और उनके व्यापारिक हितों की अनदेखी कर रही हैं। AIMRA ने कहा कि स्थानीय व्यापारियों की सुरक्षा और निष्पक्ष व्यापार प्रणाली को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है, ताकि वे भी समान अवसर प्राप्त कर सकें।
सरकार से मदद की गुहार
AIMRA ने 27 सितंबर को सांसद प्रवीण खंडेलवाल को भी पत्र लिखकर इस मुद्दे पर हस्तक्षेप की मांग की है। संगठन चाहता है कि सरकार इन कंपनियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए और लाइसेंस रद्द करने पर विचार करे। यह मुद्दा अब कॉमर्स और वित्त मंत्रालय के सामने भी उठाया गया है।
निष्कर्ष
AIMRA का यह कदम चीनी स्मार्टफोन कंपनियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। यदि सरकार इस मामले में सख्त कदम उठाती है, तो इससे न केवल स्थानीय व्यवसायों को फायदा होगा बल्कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के साथ काम कर रही कंपनियों को भी निष्पक्ष व्यापार नीति अपनाने पर मजबूर होना पड़ेगा।
OnePlus, iQOO और Poco के लाइसेंस रद्द करने की यह मांग अब देश की मोबाइल इंडस्ट्री में एक बड़ा मुद्दा बन चुकी है, जिसे लेकर आने वाले समय में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं।