दूध: सेहत का एक गिलास या एक जोखिम? जानें दूध के फायदे और साइड इफेक्ट्स
दूध को हमेशा से एक सेहतमंद पेय माना गया है। इंसान का जन्म होते ही उसे मिलने वाला पहला भोजन […]
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हर्बल चाय को अक्सर स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। इसमें विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो इसे एक लोकप्रिय विकल्प
मौसम में बदलाव के साथ अक्सर सर्दी-जुकाम, बुखार या सामान्य दर्द की समस्याएं सामने आती हैं। ऐसी स्थिति में पेरासिटामोल
कोरोना वायरस वैश्विक महामारी ने हमें एक सख्त सबक सिखाया है कि स्वास्थ्य संकट कितनी तेजी से उभर सकते हैं।
पिछले कुछ सालों में हार्ट डिजीज के मामलों में बेतहाशा वृद्धि देखी गई है, और अब तो कम उम्र के
भारत में डायबिटीज रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे यह दुनिया के सबसे बड़े देशों में दूसरे
भारत में डायबिटीज से पीड़ित लोगों की संख्या 10 करोड़ से भी अधिक है, और 13 करोड़ से ज्यादा लोग
हाल ही में, भारत के केंद्रीय ड्रग्स स्टैंडर्ड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने एक चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की है जिसमें
हाल ही में किए गए एक ग्लोबल स्टडी में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं, जिनसे पता चलता है कि
आंखें हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं, और इनकी देखभाल करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। ज्यादातर लोग आंखों की
कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, जो हर साल लाखों लोगों की जान लेती है। कई अध्ययन और हेल्थ एक्सपर्ट्स ने
आजकल महिलाएं बिना डॉक्टर की सलाह लिए घर पर ही अबॉर्शन करवाने का जोखिम उठा रही हैं, जिससे उनकी जान
भारत में बढ़ते मोटापे की समस्या एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बन चुकी है, खासकर पुरुषों के लिए। कई पुरुषों की
हर साल 28 सितंबर को ‘विश्व रेबीज दिवस’ मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को रेबीज के खतरे और इसके
कुत्ते का काटना एक गंभीर समस्या है, जो न केवल चोट का कारण बन सकता है, बल्कि संक्रमण, विकृति, और
हमारा शरीर 30 लाख करोड़ कोशिकाओं से बना होता है, जो एक पैटर्न में बढ़ती हैं और समय के साथ
आजकल की लाइफस्टाइल और खान-पान की वजह से हमारी सेहत पर कई तरह के नकारात्मक प्रभाव पड़ रहे हैं। ऐसे
हर साल हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट से हज़ारों लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं, लेकिन अगर सही समय पर
हमारी सुबह की दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है दांतों को ब्रश करना, लेकिन कई बार जल्दबाजी या लापरवाही में
आजकल बिगड़ती लाइफस्टाइल और मानसिक तनाव के कारण युवाओं में प्रिमैच्योर इजैकुलेशन और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी समस्याएं तेजी से बढ़
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, और ऐसे मामलों में सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) जीवन रक्षक